मुख्यमंत्री ने सिल्क एक्सपो-2024 का उद्घाटन किया
आठ विभिन्न श्रेणियों के 16 कृषकों, उद्यमियों एवं संस्थाओं को पं0 दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया, रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन किया
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 से परम्परागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश, देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने परम्परागत उत्पादों के लिए स्वयं की नीति बनाई है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों के एक विशिष्ट उत्पाद को चिन्हित करते हुए आगे बढ़ाया गया है। यही कारण है कि आज प्रदेश के प्रत्येक जनपद का स्वयं का एक यूनीक उत्पाद है, जिसे ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ की संज्ञा दी गई है। ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत उत्पादों को बाजार, डिजाइनिंग, पैकेजिंग के साथ जोड़ा गया। परिणामस्वरूप रोजगार के सृजन के साथ-साथ परम्परागत उत्पादों का निर्यात होना भी प्रारम्भ हुआ है। प्रदेश में 75 जी0आई0 उत्पाद मौजूद हैं, जिन्हें देश में मान्यता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री आज यहां सिल्क एक्सपो-2024 का उद्घाटन करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने रेशम उत्पादन, व्यवसाय तथा रेशम फैशन डिजाइनिंग में उल्लेखनीय योगदान देने वाले आठ विभिन्न श्रेणियों के 16 कृषकों, उद्यमियों एवं संस्थाओं को पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न पुरस्कार के अन्तर्गत प्रतीकात्मक चेक, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने रेशम मित्र पत्रिका का विमोचन भी किया। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने सिल्क एक्सपो में विभिन्न रेशमी उत्पादों का अवलोकन किया।
आजमगढ़ के मुबारकपुर, वाराणसी तथा भदोही के साड़ी उद्योग से जुड़े हुए उद्यमियों से बात करने तथा सिल्क क्लस्टर्स की प्रगति का अवलोकन करने पर इस क्षेत्र में अनेक सम्भावनाओं का पता चलता है। प्रदेश में लखनऊ-हरदोई सीमा पर स्थित पी0एम0 मित्र पार्क, टेक्सटाइल पार्क का वृहद रूप है। यह लगभग 1,000 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तृत है। टेक्सटाइल से जुड़े हुए अलग-अलग उद्योग यहां पर लगने जा रहे हैं। यह प्रदेश की सम्भावनाओं को प्रदर्शित करने का एक माध्यम है। वस्त्रों के लिए रॉ मैटेरियल हमें स्वयं ही तैयार करना होगा। प्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा रेशम उत्पादन के क्षेत्र में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। यहां सिल्क एक्सपो के दौरान किसानों को इनकी जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने रेशम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक जिले में इन योजनाओं से किसानों को अवगत कराने के लिए संगोष्ठियों तथा सेमिनार आदि का आयोजन किया जाए। किसानों को ट्रेनिंग के कार्यक्रम के साथ भी जोड़ा जाना चाहिए। इसके पश्चात विभिन्न जनपदों के ऐसे किसानों को नई सम्भावनाओं को तलाशने के लिए अन्य राज्यों में भेजा जाना चाहिए। इसके माध्यम से रेशम के क्षेत्र में सम्भावनाओं में वृद्धि होगी। अभी हमने रेशम के उत्पादन को 84 गुना बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। एक समय जरूर आएगा जब उत्तर प्रदेश रेशम उत्पादन में अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 09 क्लाइमेटिक जोन में अलग-अलग प्रकार की कृषि को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। काशी तथा आजमगढ़ प्राचीन काल से ही रेशम उद्योग के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। यदि हम स्थानीय स्तर पर रेशम के उत्पादन, प्रोसेसिंग तथा वस्त्र उत्पादन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे, तो इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। यदि इस उद्योग को सस्ता कच्चा माल प्राप्त होगा तो लागत कम होने पर बाजार तथा लोगों की मांग के अनुसार उत्पाद को सहजता से उपलब्ध कराया जा सकेगा। सरकार किसानों को ट्रेनिंग, मार्केटिंग तथा डिजाइनिंग के साथ जोड़ने तथा प्रोसेसिंग व कच्चे माल की उपलब्धता के लिए सहयोग प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में अनेक प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग जनपदों के अलग-अलग उत्पाद राज्य के पोटेंशियल को देश व दुनिया के सामने प्रस्तुत करते हैं। राज्य अपने परम्परागत उत्पादों के माध्यम से युवाओं तथा उद्यमियों को आगे बढ़ने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रहा है।
इस अवसर पर प्रदेश में रेशम विकास पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग मंत्री श्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव उद्यान व रेशम उत्पादन बाबूलाल मीणा, सदस्य सचिव, केंद्रीय रेशम बोर्ड पी0 शिवकुमार, विशेष सचिव ए0पी0सी0 शाखा सुनील कुमार वर्मा, किसान तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।