प्रदेश सरकार ने इंसेफेलाइटिस की रोकथाम हेतु जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीकू, मिनी पीकू की व्यवस्था की- योगी आदित्यनाथ

Spread the love

मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में 02 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नवनिर्मित पीडियाट्रिक इण्टेंसिव केयर यूनिट का उद्घाटन किया,02 पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 से जंगल कौड़िया और चरगांवा की 05 लाख की आबादी लाभान्वित होगी

इन यूनिट्स का निर्माण हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि0 ने सी0ई0आर0 फण्ड से कराया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गोरखपुर स्थित जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जंगल कौड़िया व चरगांवा (खुटहन) स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नवनिर्मित पीकू (पीडियाट्रिक इण्टेंसिव केयर यूनिट) का उद्घाटन किया। इन पीकू का निर्माण हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ने कॉरपोरेट एनवायरनमेण्ट रिस्पॉन्सबिलिटी (सी0ई0आर0) फण्ड से कराया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगां को सम्बोधित करते हुये कहा कि प्रदेश में मजबूत हो रही स्वास्थ्य सुविधाओं से मृत्यु दर में काफी कमी आ रही है। अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। सरकार इसके लिए सतत प्रयास कर रही है, संस्थाएं जब अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को समझकर इसमें जुड़ती हैं, तो उसका लाभ जनता को और बड़े पैमाने पर मिलता है। हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की तरफ से पूर्ण हुए 02 पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 से जंगल कौड़िया की ढाई लाख और चरगांवा की ढाई लाख यानी कुल पांच लाख की आबादी लाभान्वित होगी। इससे स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सुविधाएं जितनी मजबूत होंगी, शिशु, मातृ व अन्य मृत्यु दर को उतना ही नियंत्रित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीकू की महत्ता को बताते हुए कहा कि लम्बे समय तक पूर्वी उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्र मस्तिष्क ज्वर (इंसेफेलाइटिस) की चपेट में रहा। वर्ष 1977-78 से लेकर वर्ष 2017-18 तक 40 सालों में 50 हजार बच्चे इसकी वजह से असमय काल कवलित हो गए, क्योंकि उन बच्चों को समय पर उपचार नहीं मिला। वर्ष 2017-18 से वर्तमान राज्य सरकार ने बीमारी पर नियंत्रण को लेकर कार्यक्रम शुरू किया। स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि की। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीकू, मिनी पीकू की व्यवस्था की। इन सबका परिणाम रहा कि इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर 96 फीसदी तक नियंत्रण पा लिया गया है। पहले जहां प्रतिवर्ष 1200 से 1500 तक मौतें होती थीं, वहीं अब यह संख्या लगभग शून्य है।  
इंसेफेलाइटिस नियंत्रित होने के बावजूद हमें अभी सतर्कता बरतनी होगी। उपचार से अधिक बचाव पर ध्यान देना होगा। स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, शौचालय के प्रयोग, सफाई, छिड़काव, टीकाकरण आदि को लेकर हमें हमेशा जागरूक रहना होगा। राज्य सरकार बचाव और जागरूकता को लेकर साल में 03 से 04 बार संचारी रोग नियंत्रण के विशेष अभियान चला रही है। इन सबके साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को भी लगातार मजबूत किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड, गोरखपुर इकाई के सी0ई0आर0 फण्ड से जनपद में 17 पीकू का निर्माण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगभग 24.71 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न चरणों में किया जा रहा है। वर्तमान में 02 चिकित्सा इकाइयों (जंगल कौड़िया तथा चरगावां खुटहन) में पीकू की निर्माण प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य जनपद स्तर पर बाल चिकित्सा में प्रयोग होने वाले आधुनिकतम सयंत्र के माध्यम से बाल मृत्यु दर में कमी लाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.