*लोक एवं जननायक बिरसा मुण्डा की 148वी जयन्ती मनाई गयी*
*बिरसा मुण्डा ने नारा दिया ‘मावा माटी-मावा राज’ अर्थात् “मेरी धरती-मेरा राज”-हिमांशु नागपाल*
वाराणसी। लोक एवं जननायक बिरसा मुण्डा की 148वी जयन्ती समारोह जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ बुधवार को संत रविदास आई.ए.एस./पी.सी.एस. कोचिंग सेन्टर बड़ालालपुर के सभागार में भव्य आयोजन किया गया। ‘जनजाति भागीदारी उत्सव’ समारोह का उद्घाटन पूनम मौर्या अध्यक्ष जिला पंचायत, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, डा. बनवारी लाल अध्यक्ष जनजातीय शोध विकास संस्थान तथा रितेश बिंदल जिला समाज कल्याण विकास अधिकारी द्वारा राष्ट्र नायक बिरसा मुण्डा के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर भव्य रूप से किया गया।
मुख्य अतिथि पूनम मौर्या अध्यक्ष जिला पंचायत ने अपने संबोेधन में कहा कि बिरसा मुण्डा जन नायक के साथ राष्ट्र नायक भी है उनका जीवन ऐसे स्वाधीनता संग्राम सेनानी की है जो सदैव राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणादायक है। हम सभी को उनके आर्दशो पर चलने की जरूरत है। वर्तमान सरकार आदिवासी समाज के विकास एवं संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत है। सरकार द्वारा समय-समय पर जनजाति समाज के कल्याण के बहुत सी सरकारी योजनाए संचालित है। उन्होंने जनजाति समाज के लोगो से अपील की, कि वे जनजाति विकास विभाग की योजनाओं का लाभ उठाए।समारोह की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि जननायक बिरसा मुण्डा ने असंगठित एवं कमजोर आदिवासी जनजाति समाज को विदेशी हुकुमत के विरूद्ध (लड़ाई लड़ी और उनका नेतृत्व भी किया।बिरसा मुण्डा जी ने नारा दिया ‘मावा माटी- मावा राज ’ अर्थात् मेरी धरती मेरा राज। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी जनजाति समाज के कई योजनाओें का भी उल्लेख किया। समारोह में आदिवासी विचारक डा. बनवारी लाल अध्यक्ष जनजातीय शोध विकास संस्थान ने अपने विचारों में कहा कि आज वर्तमान आदिवसी समाज को शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रांति की जरूरत है, जो बिरसा मुण्डा जैसे स्वाधिनता संग्राम सेनानियों के विचारो पर चलकर मिल सकती है। जनजाति गौरव दिवस आदिवासी समाज को अपने राष्ट्र निर्माण एवं एकता त्याग बलिदान की सदैव याद दिलाती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा आदिवासी समाज के हित में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आदिवासी विद्वानों को सम्मान पत्र एवं पिला वस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। समारोह में गोंडी नृत्य, गीत का मंचन सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में गोंडी गोटूल के छात्रा-छात्राओं ने गोंडी भाषा में सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी।
समारोह को सफल बनाने में सर्वश्री भइया लाल गोंड, चहेटू गोंड, बेबी शाह, विनोद शाह, दिनेश गोंड, प्रियंका गोंड, अखिलेश गोंड, राकेश, ओम प्रकाश, संजय वर्मा समाज कल्याण विभाग, प्रवीण सिंह सहित समाज कल्याण विभाग जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।