मुख्य सचिव ने नगरीय निकायों के नवनियुक्ति अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन सत्र को किया सम्बोधित
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिये महत्वपूर्ण सुझाव, हर जिले का मनाया जाए स्थापना दिवस-मुख्य सचिव
प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी का मिशन कर्मयोगी के तहत पंजीकरण अनिवार्य-मुख्य सचिव
लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नगरीय निकायों के नवनियुक्ति अधिकारियों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन सत्र को सम्बोधित किया। विशेष समारोह का आयोजन नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान द्वारा नवनियुक्त उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयित) सेवा के अधिशासी अधिकारी/सहायक नगर आयुक्त, सहायक अभियंता (ट्रैफिक), अधिशासी अधिकारी (नगर पंचायत) एवं राजस्व निरीक्षकों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन पर किया गया है।
अपने संबोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य सचिव श्री मिश्र ने नवनियुक्त अधिकारियों को शुभकामनायें देने के साथ ही मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि बेहतर जीवन जीने की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है और इस वजह से शहरों में जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2011 में प्रदेश के शहरों में 31 प्रतिशत आबादी निवास कर रही थी, जो अब बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर उस जिले का स्थापना दिवस मनाए। हर साल जब स्थापना दिवस मनाया जाए, तब यह देखा जाना चाहिए कि 1 साल के अंदर जनपद ने कितनी प्रगति की और भविष्य की क्या संभावनाएं हैं ?
उन्होंने कहा कि शहर ही आर्थिक विकास का मुख्य आधार है और ग्रामीण क्षेत्र उत्पादन का आधार है। उन्होंने कहा कि शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन से लेकर हर प्रकार की सुख-सुविधाएं पानी, बिजली, गैस, मकान उपलब्ध हैं, इसलिए लोग यहां आना चाहते हैं और हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को साफ-सुथरा और हर दृष्टिकोण से बेहतर बनाएं।
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर कई वर्षों से पहले पायदान पर है, आप सभी अधिकारियों को इस बात का प्रण करना चाहिए कि वह अपने जिले को इस अभियान में इतना अच्छा बनाएं कि उनका जिला देश में कम से कम प्रथम 10 स्थान में जगह बनाए।
उन्होंने कहा कि हर कर्मचारी को अपने कार्य और दायित्व के प्रति गंभीर रहना चाहिए और इसी वजह से केंद्र सरकार की मिशन कर्मयोगी योजना से राज्य के प्रत्येक कर्मचारी को जोड़ेंगे और पंजीकरण अनिवार्य कराएंगे। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि उनके अंदर सीखने की भूख कभी कम नहीं होनी चाहिए। आज भी वह 40 साल की नौकरी करने के बाद हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं।
उन्होंने कहा कि 50 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर का जीआईएस बेस तैयार हो रहा है और इसके बाद इन सभी जिलों का एक मास्टर प्लान तैयार होगा, ताकि इनका विकास हो सके। बिना प्लानिंग के जो विकास कार्य होता है, उसमें सुधार से ज्यादा गड़बड़ी की आशंका रहती हैं, इसलिए सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों से अपेक्षा की कि वह जहां नियुक्त हुए हैं, उसमें पूरा मन लगाकर कार्य करें।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि नई नौकरी में अब काफी चैलेंज हैं। देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर हैं। नवनियुक्त अधिकारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश को आगे ले जाना है।
इससे पूर्व, निदेशक नगरीय निकाय श्रीमती नेहा शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ उनकी क्षमता के अनुसार कार्य करने, दक्षता प्रबंधन और तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षुओं को क्लासरूम से लेकर फील्ड में कार्य करने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
इस दौरान स्वच्छता को लेकर एक नाटक का मंचन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षुओं को सम्मानित भी किया गया। आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर देवकीनन्दन, सुश्री शीलू अवस्थी व मो. अनवर को बेस्ट ट्रेनीज अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं, मॉक सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अभिनव श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, श्री संदीप सारस्वत, सुश्री आरती साहू, सुश्री प्रियंका और सौरभ नाथ को बेस्ट परफार्मर अवार्ड से नवाजा गया।
कार्यक्रम के दौरान सचिव नगर विकास रंजन कुमार, अपर निदेशक स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) श्रीमती ऋतु सुहास, उप निदेशक (प्रशासन) श्रीमती रश्मि सिंह, मुख्य अभियंता नगरीय निकाय निदेशालय राजवीर सिंह, सहायक निदेशक (आर) श्रीमती रश्मी सिंह, सहायक निदेशक (एस) श्रीमती सविता शुक्ला, अपर निदेशक (पशु चिकित्सक) डॉ. असलम अंसारी, सहायक निदेशक (लेखा) अखिल सिंह, उप निदेशक प्रशिक्षण डॉ. सुनील कुमार सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।