जीवन में शार्टकट का रास्ता कभी सफलता की ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचा सकता-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय, मथुरा के दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए

दीक्षान्त समारोह भारत की प्राचीन गुरुकुल परम्परा में होने वाले समावर्तन समारोह का ही एक रूप : मुख्यमंत्री

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दीक्षान्त समारोह भारत की प्राचीन गुरुकुल परम्परा में होने वाले समावर्तन समारोह का ही एक रूप है। आज दीक्षान्त समारोह दीक्षा के अन्त में आयोजित किये जाते हैं। जबकि उस कालखण्ड में परीक्षा के पूर्व छात्रों को तैयार करने तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए समावर्तन समारोह होते थे। तैत्तिरीय उपनिषद में समावर्तन का दीक्षा उपदेश अत्यन्त विस्तृत रूप से रेखांकित किया गया है। उसकी पंक्ति है कि ‘सत्यं वद धर्मं चर’ अर्थात सत्य बोलना है और धर्म का आचरण करना है। हमें यह गहराई से सोचना होगा कि हम अपने जीवन में सत्य का आचरण कितना कर पाते है। किसी व्यक्ति का कोई वाक्य तभी प्रभावशाली होता है, जब उस व्यक्ति के आचार और विचार में समन्वय होता है। जब व्यक्ति कहता कुछ तथा करता कुछ है, ऐसे व्यक्ति की विश्वसनीयता सदैव संकट में रहती है। समाज, देश तथा दुनिया उस पर विश्वास नहीं करती। इसलिए सत्य बोलना है और धर्म का आचरण करना है।
मुख्यमंत्री जनपद मथुरा के जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। स्नातक, परास्नातक तथा डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा ने धर्म को कभी उपासना विधि के साथ जोड़कर नही देखा। व्यक्ति का पूजा करना अथवा न करना, मन्दिर जाना अथवा न जाना, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। भारतीय मनीषा ने इसके लिए कभी भी किसी को बाध्य नहीं किया, बल्कि सबको जोड़ने का कार्य किया। हमारे शिक्षण केन्द्रों का बोध वाक्य ‘आ नो भद्राः कृतवो यन्तु विश्वतः’ रहा है। अर्थात ज्ञान जहां से भी आए, उसके लिए सभी दिशाओं को खुला रखो। हमने यह कभी नहीं कहा कि हमारे किसी ग्रन्थ में ही दुनिया का सारा ज्ञान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी हमारा संस्थान स्थित है, वहां के समाज से हमारा बेहतर संवाद होना चाहिए। जहां भी हमारी संस्था है, वहां के स्थानीय समाज से दूरी नहीं रखनी चाहिए। हमारे पास उस समाज, क्षेत्र तथा जनपद के सामाजिक, आर्थिक तथा भौगोलिक स्थिति के विषय में बेहतर अध्ययन होना चाहिए। जब कभी सरकार को कोई आवश्यकता पड़े, तो अपने अध्ययन को सरकार के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। अक्सर बड़े प्रोजेक्ट की शुरूआत से पूर्व सरकार सोशल इम्पैक्ट स्टडी कराती है। इन कार्यों के लिए स्थानीय संस्थाओं को अपनी फैकेल्टी तथा छात्र-छात्राओं को तैयार करना चाहिए। इनसे बहुत सी समस्याओं का समाधान हो सकता है। इससे संस्थानों में फण्ड भी आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अपनी परम्परा के लिए दुनिया में जाना जाता था। हमने आयुष को लगभग भुला ही दिया था। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद आयुष मंत्रालय का गठन किया। कोरोना महामारी ने हमें आयुष के महत्व से अवगत कराया। हल्दी एन्टीसेप्टिक तथा एन्टी एलर्जिक है। यह हजारों वर्षों से भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय रसोई हल्दी के बगैर नहीं चल सकती है। हम अपने अतिथियों का टीका भी हल्दी से करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ संस्थानों ने अच्छा कार्य प्रारम्भ किया है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय ने अनेक क्षेत्रों में नया विकास किया है। यह वर्ष इस विश्वविद्यालय की स्थापना का रजत जयन्ती वर्ष है। यह एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में स्थापित हुआ था। डॉ0 डी0एस0 चौहान जैसे प्रतिष्ठित और समाज सापेक्ष व्यक्तित्व को अपने साथ जोड़कर विश्वविद्यालय ने अपने सर्वांगीण विकास को ऊचाईयों तक पहुंचाने का कार्य किया है। आज जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय इनोवेशन, रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट के एक नये केन्द्र के रूप में स्थापित हुआ है। विश्वविद्यालय को अनेक पेटेंट भी प्राप्त हुए हैं। विश्वविद्यालय ने स्किल डेवलपमेन्ट का नया सेन्टर स्थापित करते हुए अपने छात्रों को न्यू एज कोर्सेज से जोड़ने की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए प्रदेश के दो करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्टफोन उपलब्ध करा रही है। सरकार का प्रयास है कि इनके माध्यम से भी शासन की योजनाओं से युवाओं को जोड़ें। संस्थानों को भी इस कार्य के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। स्टार्टअप की नई संस्कृति को जन्म देना होगा। प्रदेश में सबसे उर्वरा भूमि तथा जल संसाधन उपलब्ध है। इस क्षेत्र में स्टार्टअप स्थापित होने चाहिए। एम0एस0एम0ई0 का सबसे बड़ा बेस हमारे पास है। इस क्षेत्र में किये गये प्रयासों से एम0एस0एम0ई0 ने आज उत्तर प्रदेश को एक्सपोर्ट का हब बना दिया है। एम0एस0एम0ई0 के क्षेत्र में भी हम नया स्टार्टअप स्थापित कर सकते हैं और एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए कार्य कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि 21वीं सदी में भारत दुनिया का नेतृत्व करे। जी-20 समिट के माध्यम से यह अवसर भारत को मिला है। भारत की ताकत, प्रबन्धन व कौशल को दुनिया ने माना है। कोरोना कालखण्ड में देशवासियों ने मिलकर टीमवर्क से कार्य किया, जो दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबन्धन का उदाहरण साबित हुआ। देश के कोरोना प्रबन्धन की विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं ने सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में रोजगार हेतु देश एवं प्रदेश के युवा जाते हैं। इन युवाओं को उस देश में रोजगार हेतु मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से सक्षम बनाने हेतु विभिन्न प्रकार की प्रयोगशालाओं का निर्माण करने तथा प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है। जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के ऊपर ब्रज भूमि का उपकार है। सभी विद्यार्थी जिन्होंने यहां की विभिन्न संस्थाओं से अध्ययन किया है, उन्हें ब्रज भूमि के विकास हेतु कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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