‘अर्थ गंगा अभियान’ का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा, जिनकी आजीविका गंगा नदी पर ही निर्भर – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की

प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के प्रारम्भ होने से पहले तक गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा

नदी संस्कृति के प्रति व्यापक जागरूकता बढ़ाए जाने, जल संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, नदी पुनर्जीवन तथा स्वच्छता के अभियान से बच्चों को भी जोड़ा जाए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा जी व सहायक नदियों को अविरल-निर्मल बनाने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में संचालित ‘नमामि गंगे’ परियोजना के अत्यन्त संतोषप्रद परिणाम देखने को मिले हैं। गंगा व सहायक नदियों की स्वच्छता के इस अभियान में केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों में जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है। आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है। तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘नमामि गंगे’ परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में वर्ष 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक कानपुर में सम्पन्न हुई थी। आगामी 30 दिसम्बर को राष्ट्रीय गंगा परिषद की द्वितीय बैठक प्रस्तावित है। इसके लिए आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर ली जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना, गंगा नदी के साथ-साथ सहायक नदियों के लिये भी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। जनपद कानपुर के जाजमऊ तथा सीसामऊ नाले से गिरने वाले गन्दे पानी को गंगा नदी में गिरने से रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किये गये हैं। आज यह सेल्फी प्वाइंट बन गया है। गंगा सहित सभी नदियों की अविरलता तथा निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए और प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा, उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं। गंगा नदी के बहाव का सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। यह हमारी आस्था का केन्द्र बिन्दु हैं एवं अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी हैं। प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के प्रारम्भ होने से पहले तक गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा। नदियों को सीवरेज की गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एस0टी0पी0 लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी लायी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी संस्कृति के प्रति व्यापक जागरूकता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जल संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, नदी पुनर्जीवन तथा स्वच्छता के अभियान से बच्चों को भी जोड़ा जाए। माध्यमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में इस विषय को शामिल किया जाए। युवक मंगल दल/महिला मंगल दल के माध्यम से समाज को जागरूक करने के प्रयास किये जाएं। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास एवं पशुपालन डॉ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, सूचना एवं गृह संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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