डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रतियों ने मनाया छठ महापर्व

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संतान की लंबी आयु एवं परिवार की उन्नति के लिए रविवार को डूबते सूर्य दिया गया अर्घ

चहनियॉ चंदौली ।  संतान की लंबी आयु एवं परिवार की उन्नति के लिए रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर हजारों व्रतियों ने छठी मइया का पूजन किया। सूर्य उपासना के इस महापर्व के लिए क्षेत्र के विभिन्न तालाबों एवं जलाशयों के किनारे हजारों श्रद्धालु जुटे। छठ पूजा क्षेत्र के बलुआ घाट,बाबा कीनाराम सरोवर बाणगंगा रामगढ़ ,मां काली सरोवर मथेला,रईया,बैराठ,निधौरा,सहेपुर, तिरगांवा,टाण्डा कला आदि घाटो के साथ पूरे देश भर में डूबते और उगते सूरज को अर्घ्य देने की परंपरा है. इस साल छठ पूजा दिन रविवार 30 अक्टूबर और दिन सोमवार 31 अक्टूबर को मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन मुख्य रूप से सूर्य देव और छठ माता की पूजा की जाती है.

सनातन धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इसमें सूर्य देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता है कि यदि पूरे विधि-विधान और नियमों के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा की जाती है तो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली बनी रहती है. छठ पूजा देश भर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. मिर्जापुर चुनार के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित रोहित उपाध्याय बता रहे हैं सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि.छठ महापर्व पर सूर्य देव की पूजा के साथ सूर्य के इन विशेष मंत्रों का जाप करने से आपके समृद्धि के मार्ग खुलेंगे.

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।। ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

छठ पूजा पर मथेला के विपिन पाण्डेय,सौरभ त्रिपाठी,सोनू पाण्डेय,रवि विश्वकर्मा,अखिलेश पाण्डेय,जुलुम तिवारी के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा घाटो पर साफ सफाई व प्रकाश की व्यवस्था की गई है ।

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