कमिश्नर ने “तथागत बनवासी मेधा सम्मान समारोह” में 30 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की

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वाराणसी। तथागत ट्रस्ट द्वारा कमिश्नरी ऑडिटोरियम में मंगलवार को “तथागत बनवासी मेधा सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वाराणसी मंडल के कमिश्नर कौशल राज शर्मा रहे। तथागत ट्रस्ट द्वारा वनवासी महानायकों  के नाम पर मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कुल 30 बच्चों को कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

    कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप समाज और देश को बल देना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को मजबूत करना होगा। खुद को मजबूत करके ही आप देश और समाज को बल दे सकते हैं। उसके लिए यह जरूरी है कि जो मार्गदर्शन आपको यहां मिले एवं जो मार्गदर्शन आपके माता-पिता एवं गुरु आपको दिखाएं उसी रास्ते पर आप चलें। अपना जीवन आप सही दिशा में ले जाएं और खूब तरक्की करें। उन्होंने बच्चों के सामने महामहिम राष्ट्रपति का जिक्र करते हुए उनके जीवन से सीख लेने की अपील की। कमिश्नर ने समारोह में उपस्थित बच्चों को शुभकामना देते हुए कहा कि आप लोग भाग्यशाली हैं कि आपको एनपी सिंह जैसे लोगों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिल रहा है। उन्होंने सभी बच्चों को आश्वासन दिया कि यदि आपको कहीं भी कोई दिक्कत होती है, तो हमारा ऑफिस आप लोगों के लिए हमेशा खुला है। आप लोग खूब तरक्की करें, देश समाज गुरु और माता-पिता का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि भविष्य में आपसे कहीं न कहीं दोबारा मुलाकात होगी और आप समर्थ होकर हमारे सामने खड़े होंगे।

     कार्यक्रम के संयोजक पूर्व आईएएस एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके ट्रस्ट द्वारा जनजाति समाज के उत्थान के लिए कार्य किया जाता है, जिसमे मुसहर समाज, कोल एवं बावरिया प्रमुख है। उन्होंने बताया कि आज 3 जनपदों (वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़) के विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। छात्रवृत्ति की राशि 20000₹ है। उन्होंने बताया कि अगले 4 वर्षो में कुल 100 बच्चों को इसका लाभ दिया जाएगा।उन्होंने यह भी बताया कि उनके ट्रस्ट के साथ यदि समाज के कुछ और लोग भी जुड़ते हैं, तो पूर्वी उत्तर प्रदेश के 18 जनपदों के मुसहर समाज के बच्चों को इससे अच्छादित किया जायेगा। उन्होंने समाज के लोगों से इस ट्रस्ट से जुड़ने की अपील भी की। उन्होंने बताया कि  यह पुरस्कार जनजातीय महापुरुषों के नाम से दिए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों को इससे प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि (रामगढ़) मिर्जापुर में तथागत ट्रस्ट द्वारा आईटीआई का संचालन भी किया जा रहा है। जिसमें कोल जनजाति को फ्री में शिक्षा दिया जाता है और उनका समायोजन भी कराया जाता है। उनके ट्रस्ट के द्वारा छत्तीसगढ़ में तीन कैरियर काउंसलिंग सेंटर भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 20 हजार बावरिया समाज के  लोगों को अपराध से मुक्त करने के लिए एक मुहिम चलाई है। शामली के आसपास के 12 गांव  के लोगों को इस अभियान में जोड़ा गया है। उनके द्वारा बनारस पब्लिक स्कूल वाराणसी का संचालन भी किया जा रहा है, जिसमें गरीब परिवार के मेधावी 221 बच्चों को फ्री में शिक्षा दी जा रही है इसमें छात्राओं को प्राथमिकता दी गई है।

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