नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
अहरौरा मिर्जापुर/ नगर के सत्यानगंज मोहल्ले में स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में भव्य रासलीला के आयोजन के दूसरे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म गोकुल के नंद यशोदा जी के घर पर बधईया व सोहर मंगल गीत नंद घर बाजे ला बंधाईया सुमधुर गीतो से रासलीला पंडाल झूम उठा। श्री धाम बरसाना के श्री लाडली कृपा रास मंडल की टोली के द्वारा नरेश ठाकुर जी के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुति की गई ।
जब नंद बाबा संतान प्राप्ति के लिए ब्राम्हणों द्वारा यज्ञ अनुष्ठान करवा कर यज्ञ में मिले पुण्य फल को माता यशोदा को खिला देते हैं जिसके बाद भगवान कान्हा के रूप में गोकुल में जन्म लेते है । जन्म लेते ही पूरे ब्रज वासियों में खुशी का माहौल व्याप्त हो जाता है । लीला प्रेमी नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की डोली डंडा पालकी के जयघोष से परिसर गूंज उठा ।
वही लल्ला के जन्म की खबर देवी देवताओं को पता चली तब महादेव जी को भगवान के बाल स्वरूप के दर्शन करने की अभिलाषा जागृत हुई तो वह कैलाश पर्वत से निकलकर ब्रज के लिए निकल पड़ते हैं । वहा जाकर नंद बाबा के घर के बाहर कान्हा के दर्शन करने की अभिलाषा की बाबा की आवाज सुन माता यशोदा घर से बाहर निकलती है ।
माता यशोदा भगवान शिव का भेष भूसा देखकर स्वयं डर जाती और दर्शन कराने से मना कर देती है । भगवान शिव नाराज होकर द्वार पर धूरी रमाने लगते हैं । भगवान जोर जोर से रोने लगते हैं मनो किसी ने नजर लगा दिया हो भगवान शिव अदृश्य हो जाते हैं तब माता यशोदा जोर जोर से बाबा बाबा कर के चिल्लाने लगी फिर भगवान शिव पुनः आते हैं लल्ला का नजर झाड़ फूक कर उतारते हैं फिर लल्ला को शांत करते हैं।