पिकअप सीज, चालक को जेल भेजकर तेंदू पत्ते के बड़े खिलाड़ियों को बचाने का प्रयास
सोनभद्र। विकास खंड नगवां माची थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत चरगड़ा में बीते दिनों पंचायत भवन और सामुदायिक भवन में रखकर अवैध तरीके से बेचे जा रहे तेंदू पत्ता से लदी पिकअप और चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जंगल विभाग को सौंप दिया था। जिस मामले में जंगल विभाग ने पिकअप को सीज कर दिया और चालक को जेल भेज दिया था।
वन विभाग के इस कार्यवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए पहला ग्राम पंचायत भवन और सामुदायिक भवन में रखे लाखों के तेंदू पत्ता किसके और कौन इसका असली खिलाड़ी है, रविवार के दिन पंचायत भवन खोलकर पंचायत सहायक की उपस्थिति में तेंदू पत्ता पिकअप में लोड हो रही थी, जबकि ग्राम पंचायत के पंचायत भवन और सामुदायिक भवन ग्राम प्रधान के अधीन होते हैं। क्या उनको इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी नहीं थी? क्या वे ग्राम पंचायत में निवास नहीं करते है? क्या ग्राम पंचायत अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं थी? तो इसका मतलब साफ है कि ग्राम पंचायत अधिकारी गांव में जाते ही नहीं है।
अब सवाल यह उठता है कि ग्राम प्रधान और पंचायत सहायक को पंचायत भवन और सामुदायिक भवन में तेंदू पत्ता रखकर गोरखधंधा करने की छूट किसने दी है, क्या जीरो टॉलरेंस की योगी सरकार के राज में इस प्रकार का कार्य ग्राम पंचायत भवन और सामुदायिक भवन से किया जाना न्याय संगत है? क्या पुलिस और वन विभाग को इस मामले की उच्चाधिकारियों द्वारा जांच करवाना उचित नहीं है? अगर पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच किया जाय तो इस मामले में कुछ बड़े नाम सामने आ सकते है।
क्या पंचायती राज विभाग द्वारा अवैध तेंदूपत्ता के बिक्री के लिए वन माफियाओं द्वारा पंचायत भवन और सामुदायिक भवन का प्रयोग करने पर ग्राम प्रधान और पंचायत सहायक के विरुद्ध कार्यवाही करेगा?
इस मामले में जब वन विभाग के ठेकेदार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चरगड़ा क्षेत्र के तेंदू पत्ता वन विभाग को नही मिलता वहां के प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा तेंदू पत्ता रखकर बाद में ऊंचे दामों में बेचा जाता है वहां कोई फड़ मुंशी तैयार ही नहीं होते है इतना भय है इस पूरे खेल में कही न कही ग्राम प्रधान और पंचायत सहायक की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। लोगों ने जिलाधिकारी से पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है।