सुब्बाराव जी के अधूरे कार्यों को अन्जाम तक पहुॅचाना होगा-राजगोपाल पी वी

Spread the love

27 राज्यों से आए लगभग 500 से अधिक युवाओं ने शिविर के दूसरे दिन डॉ. सुब्बाराव भाईजी को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

 जयपुर/  राजस्थान राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, के सभागार में  26 अक्टूबर से विख्यात गांधीवादी डॉ. एस एन सुब्बाराव की याद में शुरू हुए राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना शिविर  के दूसरे दिन  उनकी पहली पुण्यतिथि पर 27 राज्यों से आए लगभग 500 से अधिक युवाओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प किया। उनके गीतों को गाया, भारत जोड़ने के नारे को दोहराया और उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित  की।

श्रद्धांजलि बतौर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध गांधीवादी राष्ट्रीय एकता परिषद के अध्यक्ष राजगोपाल पी वी ने कहा कि आज सुब्बाराव के प्रति देशभर के युवाओं में भक्ति के भाव को देखकर मैं अभिभूत हूं, लेकिन इतना काफी नही है , हमें उन सब कामों को अंजाम तक हर हाल में पहुंचाना होगा जो सुब्बाराव छोड़कर गए है। राजगोपाल ने सुब्बाराव द्वारा किए गए कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने चंबल में आत्मसमर्पण करने वाले बागियों के  पुनर्वास के अनथक काम किया। साथ ही देश के युवाओं को जागरूक करने और रचनात्मक कार्यों के लिए संगठित करने का जीवन भर काम किया, जिनसे युवाओं को प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कलतक हमें सिर्फ सुब्बाराव ही दिखाई पड़ते थे लेकिन आज जब वो हमारे बीच नहीं है तो हमें अनेक सुब्बाराव जी जैसे नौजवान  दिखाई पड़ रहे हैं।उन्होंने इन नौजवानों से अपील की कि आज भाई जी के काम को अंजाम तक पहुंचाने की बहुत जरूरत है।

जलपुरुष रेमेन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने कहा कि सुब्बाराव महामानव थे लेकिन उनकी नजर में कोई भी छोटा नही था।वे अपने सानिध्य में आने वाले हरेक नौजवानों को विशाल मानव बनने की प्रेरणा देते थे और उनसे बड़े से बड़ा काम कर लेते थे।  पूर्व महाधिवक्ता, राजस्थान सरकार गिरधारी सिंह बापना ने कहा कि सुब्बाराव सादगी पसंद व्यक्तित्व थे, अपने सुख और विलास के लिए अपनी कोई निजी आकांक्षा नही थी। वे सुख सुविधा को सारे संसाधनों को ठुकराकर न्यूनतम सुविधाओं में ही जीवन गुजराते थे ओर युवाओं को राष्ट्र की एकता बनाए रखने का संदेश देते थे अब उनके पदचिन्हों पर चलने को बात कही।

इस मौके पर इंडोनेशिया से आए गांधीवादी इन्दिरा उदीयाना कुमार प्रशांत सहित सुब्बाराव के नेतृत्व में प्रशिक्षित स्थापित देशभर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुब्बाराव को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ गुजारे गए समय के अनुभव और विभिन्न प्रेरणादाई प्रसंगों की चर्चा की। इस मौके पर शांति व अहिंसा विभाग राजस्थान सरकार के निदेशक मनीष शर्मा, महावीर विकलांग समिति जयपुर फुट के अध्यक्ष डी आर मेहता, जोरा के पूर्व विद्यायक महेश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय युवा योजना की अध्यक्ष रजनी, हनुमान शर्मा, रणसिंह परमार,अमरनाथ भाई, महेश नाथ मिश्रा, प्रसून लतांत, संजय कुमार, हरी विश्वास आदि ने श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन के जनहितैसी पहलुओं पर चर्चा की।

हरियाणा से आये सुरेश राठी के मुताबिक भारत के विभिन्न शहरों सहित बांग्लादेश, श्रीलंका सहित अन्य मुल्कों में उनके चहेतों ने 12 बजे दो पल का मौन साधकर उनको श्रद्धांजलि दी और उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प किया। सुब्बाराव की पहली पुण्यतिथि पर राजस्थान राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, जयपुर के सभागार में  आयोजित समारोह में सभी लोगों की आंखे नम थी, वे उनके नारों को दोहरा रहे थे और उनके गाए गीतों को गा रहे थे। सभी वक्ता भी रूंधे गले से अपने अनुभव सुना रहे थे। ऐसे भावपूर्ण समारोह का  संचालन नेशनल युथ अवार्डी रामदयाल सैन से बखूबी किया और खुद भी सुब्बाराव के अनेक प्रेरणादाई प्रसंगों की चर्चा की।

शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत युवा गीत, ध्वज वंदन के साथ जवाहर सर्किल व दुर्गापुरा गौशाला में विभिन्न प्रान्तों से आये युवाओं ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश भी दिया और श्रंद्धाजलि सभा के बाद जयपुर दुर्गापुरा आसपास क्षेत्र में सदभावना रैली निकाल राष्ट्रीय एकता व देश भक्ति से ओतप्रोत नारे लगाकर एकता व भाईचारे का संदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.