वाराणसी/ युवा संगठन एआईडीवाईओ वाराणसी यूनिट के बैनर तले श्री रामकृष्ण वि.मं.इण्टर कॉलेज, सिद्धगिरिबाग, वाराणसी में मुंशी प्रेमचन्द की जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में एक कहानी व कविता पाठ का आयोजन किया गया। मुंशी प्रेमचन्द की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बीएचयू की छात्रा काजल ने पाश की रचना “हम लड़ेंगे साथी” की प्रस्तुति दी। कहानी व कविता पाठ मे बीटीएस व श्री रामकृष्ण विद्या मंदिर के छात्र तथा बीकेएम व सीएचएस गर्ल्स की छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कहानी पाठ में बीटीएस के छात्र मिलन श्रीवास्तव व दिव्यांशु राय ने क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान तथा कविता पाठ में बीकेएम की छात्रा सौम्या शर्मा ने प्रथम व बीटीएस के छात्र सूरज यादव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। संचालन एआईडीवाईओ के जिला इंचार्ज कमलेश मौर्य ने किया। मुख्य अतिथि श्री रामकृष्ण वि.मं.इं.कालेज के प्रधानाचार्य श्री पारसनाथ पाण्डेय ने प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
जाने-माने इतिहासकार डॉ.मोहम्मद आरिफ ने कहा कि प्रेमचन्द ने अपने दौर की सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक परिस्थितियों मे जो देखा और महसूस किया, उसी को अपनी लेखनी का विषय बनाया। खासकर अंग्रेजी व सामंती गुलामी तथा तमाम सामाजिक बुराइयों के खिलाफ बगावती तेवर के साथ बेलौस लिखते रहे और सही अर्थों मे जो एक लेखक करता है, वही किया। इसलिए प्रेमचन्द आज भी प्रासंगिक हैं। किसी भी लेखक को हम उसके दौर में रखकर ही समझ पायेंगे। उनके विचार आज भी सत्ता में बैठे हुए लोगों के खिलाफ भय पैदा करते हैं। इसलिए उनकी रचनाओं को पाठ्यक्रमों से बाहर निकाला जा रहा है। आज हमें खासकर इस हॉल मे बैठी हुई भावी पीढ़ी को प्रेमचन्द को समझने की जरुरत है। एआईडीवाईओ के प्रदेश सचिव रामकुमार यादव व विद्यालय के अवकाश प्राप्त शिक्षक कृपाशंकर पाण्डेय ने भी प्रेमचन्द पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में राहुल राज, गोविन्द लाल गुप्ता, ज्योति आर्या व सुरेंद्र राम का विशेष सहयोग रहा।