लखनऊ। उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी द्वारा फ्लाइंग आफिसर प्रेम रामचंदानी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर ’’फ्लाइंग आफिसर प्रेम रामचंदानी एक अनुकरणीय व्यक्तित्व’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन इन्दिरा भवन, लखनऊ में किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम भगवान झूलेलाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण अकादमी निदेशक अभिषेक कुुमार ’अखिल’, सुधामचंद चंदवानी, प्रकाश गोधवानी, हरीश वाधवानी, दिनेश मूलवानी, डाॅ0 कोमल असरानी तथा दीपक लालवानी द्वारा कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया।
इस संगोष्ठी में सिंधी समाज के विद्वानों ने अपने विचार रखें। प्रकाश गोधवानी ने बताया कि प्रेम रामचंदानी ने वतन पर अपनी जान न्यौछावर कर दी। वे उच्च मनोबल वाले धैर्यवान, साहसी व गंभीर व्यक्तित्व के मालिक थे और उनके ये गुण हम सबकों अपनाने चाहिए। उन्होेंने एक कवि की पंक्तियाॅ पढ़ी:-
वक्त की धूप हो या तेज आॅधियाॅ।
कुछ कदमों के निशान कभी नही खोते।।
’’फ्लाइंग आफिसर प्रेम रामचंदानी एक अनुकरणीय व्यक्तित्व’’ थे हैं और आगे भी रहेंगे।
सुधामचंद चंदवानी जी ने उनके जीवन व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया गया कि उनका जन्म 19 अक्टूबर 1941 में हुआ था और दिनांक 26 सितम्बर, 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध में देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुए थे।
हरीश वाधवानी ने प्रेम रामचंदानी की वीरता का वर्णन किया। श्रीमती कनिका गुरूनानी जी ने एक कविता पढ़कर उनकों अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी के निदेशक अभिषेक कुमार अखिल जी ने कहा कि ये विषय आज की परिस्थितियों में अत्यन्त सामायिक है और सिंधी समाज को ऐसे वीर जाबाज व्यक्तित्व का अनुकरण करना चाहिए। संगोष्ठी में डाॅ0 कोमल असरानी, शान्ता वाधवानी, दीपक लालवानी, अशोक चाॅदवानी, पटेल दास हीरवानी व अन्य सिंधी गणमान्य हस्तियाॅ उपस्थित रहीं।