वाराणसी/ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वैदिक विज्ञान केन्द्र, का.हि.वि.वि. द्वारा आयोजित ‘‘वैदिक योग विज्ञान’’ विषयक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के द्वितीय दिवस दिनांक 20.06.2023 को प्रातः 6:00 बजे से योगाभ्यास एवं व्याख्यान सत्र आयोजन किया गया। इस सत्र में वाराणसी के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 300 छात्रों ने योगाभ्यास एवं व्याख्यान में प्रतिभागिता की। केन्द्र के समन्वयक प्रो0 उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन करते हुए योग चर्चा को स्वास्थ्य वर्धन आयाम में अन्तरित किया।
वक्ता के रूप में डॉ. कृष्ण मुरारी त्रिपाठी, पूर्व उपनिदेशक- योग साधना केन्द्र, मालवीय भवन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने आधुनिक कालीन युग को स्वामी विवेकानन्द द्वारा उत्प्रेरित बताते हुए कहा कि आज के समय में सुदृढ़ मांसपेशियों एवं सशक्त अन्तरांगों वाले नवयुवकों की आवश्यकता है, तभी देश के सांस्कृतिक गौरव की पताका विश्व पटल पर स्थापित होगी। साथ ही देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी द्वारा स्थापित सामान्य योगाचार की अपेक्षा, सार्थकता एवं महत्त्व से योग प्रेमियों को परिचित कराया।
सारस्वत अतिथि प्रो. रवीन्द्र भट्टाचार्य, संकाय प्रमुख, कला संकाय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल ने संस्कृत भाषा में वक्तव्य देते हुए प्रतिभागीयों एवं उपस्थित विद्वतजनों को काशी की उद्भट योग परम्परा से परिचित कराते हुए डॉ0 श्यामाचरण लाहड़ी, स्वामी विशुद्धानन्द जी, महामहोपाध्याय गोपीनाथ कविराज आदि के योगमय व्यक्तित्त्व से अवगत कराया।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रो. कमलनयन द्विवेदी, संकाय प्रमुख, आयुर्वेद संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने योग से जुड़े हुए सार्थक आयामों पर प्रकाश डाला। सत्र संयोजक प्रो0 मृत्युंजय देव पाण्डेय ने अधुनातन वैज्ञानिक जानकारियों के आलोक में बारम्बार सुधीश्रोताओं का ध्यान आधुनिक जीवन के आस्वास्थ्यकारक पक्षों पर सचेत किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 श्रवण कुमार शुक्ला, कृषि प्रसार विभाग, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो0 हरिहृदय अवस्थी, प्रो0 सुमन जैन, डॉ0 सन्ना लाल मौर्या, डॉ0 राहुल सिंह, डॉ0 पवन कुमार पाण्डेय, पवन कुमार मिश्र एवं केन्द्र के कर्मचारीगण उपस्थित रहें।