ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को सुरक्षित भयमुक्त कैम्पस में शिक्षा ग्रहण कराना है उद्देश्य – डॉ साधना द्विवेदी
शहाबगंज। एक समय ऐसा था जब क्षेत्र में बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए कॉफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था क्षेत्र का एकमात्र डिग्री कॉलेज सावित्री बाई फुले राजकीय महाविद्यालय जहां सीमित सीटें होने के कारण बहुत से छात्र-छात्राओ का एडमिशन नहीं हो पाता था।जितने बच्चे एडमिशन का फॉर्म भरते थे उसमे से आधे से अधिक बच्चों का एडमिशन नहीं हो पाता था।लड़के जिनका एडमिशन नहीं हो पाता था सावित्री बाई फुले राजकीय महाविद्यालय में वे तो दूर-दराज के कॉलेज में एडमिशन करा लेते थे लेकिन लड़कियों को कॉफी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता था।बहुत से अभिभावक सुरक्षा की दृष्टि से अपनी बच्चियों को दूर के कॉलेजों में नहीं एडमिशन कराते थे।साधन-संपन्न अभिभावक ही अपने बच्चियों का एडमिशन करा पाते थे।बहुत सी लड़कियां ग्रेजुएशन की पढ़ाई का सपना मन में समेटे ही रह जाती थी।लेकिन द्विवेदी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट कॉफी हद तक क्षेत्र के उन अभिभावकों के लिए मददगार साबित हो रहा है जो अपने बच्चियों को उच्च शिक्षा ग्रहण चाहते हैं।द्विवेदी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट ने बालिकाओं के लिए समन्यु महिला महाविद्यालय की स्थापना चकिया-चन्दौली मार्ग पर लालपुर गाँव के समीप की है।समन्यु महिला महाविद्यालय की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं का उत्साह बढ़ा है।बहुत से अभिभावक जो को-एजुकेशन वाले कॉलेज में अपनी बच्चियों का एडमिशन नहीं कराना चाहते हैं वो समन्यु महिला महाविद्यालय में एडमिशन बढ़-चढ़कर करा रहे हैं।पत्रकार वार्ता के दौरान द्विवेदी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर सुरेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि क्षेत्र में महिला कालेज खोलना अति आवश्यक था।पिता स्व०धर्मेंद्र द्विवेदी के प्रेरणा से हम लोगों ने समन्यू महिला महाविद्यालय खोला।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता भी मिल गया है।100 से अधिक बच्चियां अपने सपनों को साकार करने के लिए शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।उन्होंने कहा को उनका मुख्य उद्देश्य है बेटियों को सुरक्षित कैम्पस में शिक्षा ग्रहण कराना।कालेज की प्रबंधक डा. साधना जो खुद असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं ने बताया कि बालिकाओं की शिक्षा के लिए वे कॉफी चिंतित रहती थीं।उनका सपना था एक ऐसा कॉलेज हो जिसमें बच्चियां सुरक्षित माहौल में अपने सपने को पूरी कर सकें।उन्होंने बताया कि बालिकाएं हिंदी,संस्कृत,समाज शास्त्र, अर्थ शास्त्र, शिक्षा शास्त्र,इतिहास व गृह विज्ञान विषय के साथ बीए तथा बीकॉम कर सकती हैं , आगे चलकर उपरोक्त विषय में परास्नातक (मास्टर डिग्री) की भी मान्यता ली जाएगी।उन्होंने बताया कि शैलेन्द्र पांडेय,पूजा पांडेय,कामिनी कौशल,शरद मौर्य ,बलवंत कुमार व फिरोज आलम आदि शिक्षक पूरी लगन से अध्यापन में लगे हैं।