SAIL, राउरकेला इस्पात संयंत्र में ‘संयंत्र सञ्चालन के लिए खदानों का समन्वय’ विषय पर निष्पादन संवर्द्धन योजना कार्यशाला शुरू

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राउरकेला। सेल राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सीपीटीआई में 23 जुलाई, 2024 को ‘संयंत्र सञ्चालन के लिए खदानों का समन्वय’ विषय पर 2 दिवसीय निष्पादन संवर्द्धन योजना (पेप) कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला में ओडिशा खान समूह और झारखंड खान समूह तथा आरएसपी के संबंधित विभागों जैसे रॉ मैटेरियल हैंडलिंग प्लांट, सिंटरिंग प्लांट, ब्लास्ट फर्नेस और क्वालिटी के अधिकारियों सहित लगभग 50 कर्मचारी भाग ले रहे हैं। 

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) सह  अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएँ), तरुण मिश्र, कार्यपालक निदेशक (खान), आलोक वर्मा और कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), ए के बेहुरिया ने भाग लिया।

अपने संबोधन में, तरुण मिश्र ने एकीकृत इस्पात संयंत्र में खदानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया, उन्हें लाभप्रदता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने वाली रीढ़ बताया। उन्होंने कहा, “हमें विक्रेय राशि (टर्नओवर) के संबंध में कंपनी के लाभ को अनुकूलित करने के लिए गुणवत्ता, आपूर्ति और बिक्री को बढ़ाने के लिए अपनी कैप्टिव खदानों का लाभ उठाना चाहिए।” 

श्री वर्मा ने कार्यशाला के आयोजन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की, खदानों और संयंत्र संचालन के बीच तालमेल बनाने के इसके लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुणवत्ता के महत्व पर जोर दिया, मिलावट (गैंग) को कम करने और लौह निर्माण में उत्पादकता और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए अयस्कों के वांछित भौतिक आकार को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया। 

श्री बेहुरिया ने वर्तमान बाजार परिदृश्य पर चर्चा की, एनएसआर और उत्पादन लागत के बीच अंतर को कम करने में योगदान देने वाले कारकों की व्याख्या की। यह देखते हुए कि 60% उत्पादन लागत हॉट मेटल के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है, उन्होंने कोक के उपयोग और समग्र उत्पादन लागत को कम करने के लिए वांछित रासायनिक गुणों और दानेदार बनाने में खदानों की भूमिका को रेखांकित किया।

प्रारंभ में मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन और मानव संसाधन-ज्ञानार्जन एवं विकास), सुश्री राजश्री बनर्जी, ने स्वागत भाषण दिया। सहायक महाप्रबंधक (केंद्रीय समन्वय खान), सुश्री सुभास्मिता दास ने उद्घाटन समारोह का संचालन किया। 

कार्यशाला के दौरान कंपनी अवलोकन, अपने प्रतिस्पर्धियों के संबंध में सेल की राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिति, खान परिप्रेक्ष्य और इसके प्रमुख मुद्दे और चुनौतियाँ तथा ग्राहक अपेक्षाएँ पर जानकारी प्रदान की गई। इनमें से प्रत्येक विषय पर कार्बन फुटप्रिंट को कम करने, अच्छी गुणवत्ता वाले अयस्कों की आपूर्ति करने और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उद्घाटन दिवस के सत्रों को वित्त, खान और अनुसंधान एवं नियंत्रण प्रयोगशाला के विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया गया। खान टीमों ने सिंडिकेट चर्चाओं में भाग लिया और सौंपी गई जिम्मेदारियों और समयसीमाओं के साथ कार्य योजनाएँ तैयार कीं।

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