खेती किसानी की समस्याओं के निवारण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करते रहे प्रो त्रिपाठी
खेतिहर समाज और उसका भविष्य विषय पर गोष्ठी का किया गया आयोजन
चौबेपुर, वाराणसी/ समाजवादी चिंतक और सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष स्वर्गीय प्रो सोमनाथ त्रिपाठी की दूसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए साझा संस्कृति मंच के तत्वाधान में एक गोष्ठी का आयोजन सोमवार को भंदहा कला कैथी स्थित आशा ट्रस्ट के केंद्र पर किया गया. खेतिहर समाज और उसका भविष्य विषयक गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि प्रो त्रिपाठी जीवन पर्यन्त खेती किसानी की समस्याओं के निवारण के लिए संघर्षरत रहे. किसान आंदोलनो में उनकी हमेशा अग्रणी भूमिका रहती थी. कोविड काल में उनके असमय मृत्यु से हमने किसानो की चिंता करने वाला एक प्रमुख चिंतक खो दिया है. वक्ताओं ने कहा कि सरकारी नीतियों के चलते आज छोटे किसान संकट ग्रस्त हैं, कृषि पर कारपोरेट का कब्जा बढ़ता ही जा रहा है जिससे खेती किसानी की दुश्वारियां बढ़ रही हैं .
वक्ताओं ने कहा कि प्रो. त्रिपाठी किसानो की बेहतरी के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. कृषि उपज का सम्मानजनक मूल्य मिले, किसानो के लिए स्थानीय बाजार सुलभ हो इन सवालों को लेकर उन्होंने हमेशा संघर्ष किया .
वक्ताओं में चौधरी राजेंद्र, अहमद भाई, जागृति राही, धनंजय त्रिपाठी, लक्ष्मण प्रसाद, अशोक यादव आदि प्रमुख रहे. गोष्ठी की अध्यक्षता राम जनम भाई, संचालन वल्लभाचार्य पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार ने किया. इस अवसर पर प्रदीप सिंह, दीन दयाल, राजकुमार पटेल, अमित कुमार, सौरभ, बृजेश कुमार, सरोज सिंह, रूबी पाण्डेय, वन्दना पाण्डेय, रचना, अमरेश, राजेश आदि की प्रमुख रूप से भागीदारी रही.