पूछने पर नगर निगम भी जिम्मेदारी से झाड़ रहा पल्ला
मैग्सेसे पुरष्कार विजेता डॉ संदीप पांडेय ने कहा कि 2014 से ही झूठे सब्जबाग में फंसा बनारस अपने ही जनप्रतिनिधि के वीआईपी होने का भुगतान कर रहा है
वाराणसी/ लंका बीएचयू से सटी बाहरी दीवार के पास गुमटी ठेला व्यवसाइयों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। आश्चर्य की बात है की ये वेंडर नरेंद्र मोदी जी के पीएम स्वनिधि लोन से प्राप्त पैसे से अंडा दूध चाय ब्रेड इत्यादि की गुमटी लगाते है। बीएचयू अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए सस्ते खाने का अच्छा विकल्प ये गुमटियां कई दशक से हैं।
गुमटी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष और टाउन वेडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य चिंतामणि सेठ ने बताया की, जब से नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बने हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के बाहर ठेले पर सामान बेचने वालों के लिए अपना सामान बेचना कठिन हो गया है। 3 सितम्बर को उन्हें पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक लाठी चला कर हटा दिया गया जो पथ विक्रेता अधिनियम 2014 का स्पष्ट उल्लंघन है। 9 अक्टूबर को भेलूपुर जोनल कार्यालय के बाहर धरने के बाद जोनल अधिकारी ने मान लिया था कि अगले दिन से ठेले लगेंगे किन्तु फिर भी लंका थाने की पुलिस ठेले नहीं लगने दे रही।
पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के तहत अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए आज से हमलोग एक अनिश्चितकालीन धरने की शुरुवात कर रहे हैं।
धरना स्थल पर समर्थन देने पंहुचे प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता मैग्सेसे पुरष्कार विजेता डॉ संदीप पांडेय ने कहा कि 2014 से ही झूठे सब्जबाग में फंसा बनारस अपने ही जनप्रतिनिधि के वीआईपी होने का भुगतान कर रहा है। धरने पर बैठे ये लोग अपनी आजीविका को अपने बलबूते पर चला रहे है। सरकार तो इनको नौकरी दे नही सकती और न ही इनके व्यवसाय के लिए स्थान, मगर उजाड़ने का काम तेजी से चला रही है। सरकार की यह कोशिश भी कही न कही उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश के रूप में देखी जानी चाहिए। और लघु व्यापार को समेटने की कोशिश के रूप में भी देखी जा सकती है। क्योंकि यदि इनका व्यवसाय रुकेगा तभी तो लोग महंगे रेस्टोरेंट और शोरूम को लाभ पहुंचाने के लिए मजबूर रहेंगे। इन छोटे वेंडरों की आजीविका छीन जाने के बाद इनका भविष्य क्या होगा इनके बच्चो का भविष्य क्या होगा इस मामले में सरकार का क्या पक्ष है हम ये सवाल उठाना चाहते है ? भुखमरी के आंकड़ों में हम 105 वें नंबर पर पंहुच गए है। कोरोना के बाद आर्थिक हालत लघु और मध्यम उद्योगों के लिए बद से बदतर हुए है। अमीरी गरीबी की खाई बढ़ी है। ऐसे में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ही वेंडर पुलिस उत्पीड़न का शिकार होगा तो फिर इन लोगो को क्या करना चाहिए ?
स्ट्रीट वेंडर ऐक्ट का अध्ययन करे तो वेंडरो के प्रति हो रहे अन्याय की जानकारी मिलेगी।
1- अधिनियम कि धारा 3 कि उप धारा 3 में यह प्रावधान है कि जबतक स्ट्रीट वेंडरों को वेन्डिग जोन बनाकर विक्रय प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है तब तक किसी भी स्ट्रीट वेंडरों को हटाया नहीं जाएगा।
2- एक्ट कि धारा 3( क) मे यह प्राविधान है कि जिस स्थान पर स्ट्रीट वेंडरों का सर्वेक्षण किया गया है उक्त स्थान को नो वेन्डिग जोन घोषित नहीं किया जायेगा व वैधानिक रूप से वेन्डिग जोन है।
3- एक्ट कि धारा ( य ख VIl ) मे यह प्रावधान है कि जो पथ विक्रेता 50 वर्षों से जहां वेन्डिग का कार्य करते रहें है उनको वहां विरासत बाजार बनाया जाएगा उनका विस्थापन नहीं किया जायेगा।
4- अधिनियम कि धारा 29 मे यह प्रावधान किया है कि स्ट्रीट वेंडरों को पुलिस व अन्य अधिकारीयों के उत्पीड़न से संरक्षण प्रदान करती है और पुलिस को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं दिया गया है।
उक्त कानून के आलोक में वेंडरो की ओर से 5 सूत्री माँग प्रस्तुत की गई :-
– लंका नरिया मार्ग पर बीएचयू अस्पताल के बाहर दिवाल से सटे उक्त क्षेत्र को एक्ट 2014 के तहत प्राकृतिक बाजार के तौर पर मान्यता देते हुए वेन्डिग जोन घोषित करें।- वेन्डरो का आजीविका शासन प्रशासन कि जिम्मेदारी है।पुलिस उत्पिडन को रोकने के लिए आवश्यक पत्राचार करते हुए तत्काल प्रभाव से आजीविका को ध्यान में रखते हुए दुकान लगावने कि व्यवस्था करें।- वेन्डिग जोन आवंटन के अनुपस्थिति में वेन्डर विस्थापन कानून के अनुसार एक अविधिक और गलत प्रक्रिया है। 5 – लंका नरिया मार्ग पर दुकानदारों को अवैध प्रकिया के तहत हटाने वाले अधिकारियों और दस्ते पर समुचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
धरने में मुख्य रूप से बरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता मैग्सेसे अवार्ड ड0संदीप पांडेय रविशेखर, इन्दु, जागृत राही,थन्नजय, हरीशचंद्र, अमित कुमार, अजय पटेल, रोहित राणा, अर्शिया, जय मौर्या, प़ेम, गोपाल, अमन, अर्पित, चुन्नी/ मुन्नी, मनोरमा, दुर्गावती, बाबु सोनकर, धन्नजय, राम बाबू सेठ, सिवनी, महेंद्र सैकड़ों पटरी दुकानदार मौजूद रहे शामिल रहे।