बीसीसीएल के रणनीतिक कदमों से दीर्घकालिक लिंकेज ई-नीलामी में रिकॉर्ड सफलता

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धनबाद, । कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी और भारत में कोकिंग कोल की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने “मिशन कोकिंग कोल” पहल तहत घरेलू कोकिंग कोयले की खपत को बढ़ाने के लिए विभिन्न रणनीतिक कदम उठाये हैं। जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के ट्रेंच VII के तहत ऑफर किये गये 3.36 मि. टन कोकिंग कोयले में से 2.40 मि. टन की सफलतापूर्वक बुकिंग हो गयी है। कंपनी की स्थापना के बाद से यह एक रिकॉर्ड है। बीसीसीएल आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत अपनी सक्रिय भूमिका के माध्यम से आयातित कोयले पर देश की निर्भरता को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

कोकिंग कोल के आयात से भारत के बहुमूल्य विदेशी भंडार पर बोझ पड़ता है और इन आयातों को कम करने के लिए, बीसीसीएल ने अपनी कोकिंग कोल नीलामी प्रक्रियाओं को देश के इस्पात उत्पादकों के लिए अधिक लचीला, पारदर्शी और आकर्षक बनाने के लिए पर्याप्त सुधार किए हैं। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास की शुरूआत तब हुई जब ट्रांच VI नीलामी के समय पेश किए गए कोयले में से कंपनी को कोई बुकिंग नहीं मिली। जवाब में, बीसीसीएल ने अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन किया और कई आवश्यक सुधार किए। इनमें से प्रमुख था कंसोर्टियम बिडिंग की शुरुआत करना, जिससे छोटे-छोटे उपभोक्ताओं को नीलामी में सामूहिक रूप से कंसोर्टियम के माध्यम से भाग लेने की अनुमति मिली और इससे बोलीदाताओं का समूह विस्तृत हुआ तथा प्रक्रिया अधिक सुलभ हुई।

अधिक से अधिक प्रतिभागियों को आकर्षित करने के लिए, बीसीसीएल ने लिंकेज नीलामी बोलीदाताओं के लिए पात्रता मानदंडों में संशोधन के प्रस्ताव को बीसीसीएल की कार्यात्मक निदेशकों की बैठक में मंजूरी दी गई और बाद में आगे के विचार के लिए सीआईएल को भेजा गया। इस प्रस्ताव में स्टील प्लांट, मौजूदा या नए कोकिंग कोल वॉशरीज तथा वॉशरी कोल के बाय-प्रोडक्ट्स का उपभोग करने वाले अन्य प्लांट्स के कंसोर्टियम की भागीदारी जैसे बिंदु शामिल थे। सीआईएल ने इस विचार को तुरंत अपनाया, जिससे स्टील सब-सेक्टर के लिए लिंकेज नीलामी के सातवें चरण (ट्रांच VII) के लिए एक नई योजना दस्तावेज तैयार हुआ। योजना दस्तावेज की आधिकारिक अधिसूचना से पहले और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, बीसीसीएल एवं कोल इंडिया जून 2024 में दिल्ली में एक उपभोक्ता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें स्टील उत्पादकों और उद्योग संघों से फीडबैक एकत्र किया गया। इस प्रयास के साथ-साथ संभावित बोलीदाताओं के साथ निरंतर अनुवर्ती कार्रवाई और सक्रिय भागीदारी तथा नियमित संचार से नीलामी प्रक्रिया की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।इन पहलों के परिणामस्वरूप, बीसीसीएल ने स्टील क्षेत्र के लिए हाल ही में संपन्न दीर्घकालिक लिंकेज ई-नीलामी (ट्रेंच VII) में रिकॉर्ड सफलता हासिल की। पेश किए गए 3.36 मि. टन कोकिंग कोयले में से 2.40 मि. टन की सफलतापूर्वक बुकिंग की गई, जिससे कोयला बुकिंग में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ।

बीसीसीएल के इन प्रयासों से घरेलू कोकिंग कोल के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत में इस्पात उद्योग को मजबूती मिलेगी। नीलामी प्रक्रिया के बारे में कंसोर्टियम बोली और स्पष्ट संचार के सफल कार्यान्वयन ने अधिक भागीदारी सुनिश्चित हुई है, जिससे उपभोक्ताओं और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत आयात प्रतिस्थापन के देश के व्यापक लक्ष्य दोनों को लाभ हुआ है।

इस सफलता पर बोलते हुए बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “नीलामी प्रक्रिया को अधिक समावेशी और पारदर्शी बनाने के हमारे ठोस प्रयासों को काफी हद तक सफलता मिली है । सफल बुकिंग घरेलू कोकिंग कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता को कम करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह सफलता आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।

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