अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करने हेतु प्रधानमंत्री करेंगे लाभार्थियों से सम्वाद

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विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लाभार्थियो का संतृप्तिकरण सरकार का मुख्य उद्देश्य -जिलाधिकारी
आजादी के अमृत महोत्सव में योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रभाव व सुधार पर लाभार्थियों से चर्चा करेंगे प्रधानमंत्री

भदोही / प्रधानमंत्री द्वारा 31 मई, 2022 को प्रस्तावित वर्चुअल तरीके से लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के संबंध में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने विस्तृत उद्देश्य एवं रूप रेखा पर प्रकाश डालते हुये बताया कि सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है इन योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से पात्र लाभार्थियों को संतृप्तिकरण सरकार का उद्देश्य है जिससे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन व्यतीत करने में मदद मिल सके। वर्तमान में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हैं। कार्यक्रम में योजनाओं का क्रियान्वयन, उसके प्रभाव तथा इनके सुधार पर भी चर्चा प्रस्तावित हैं।   प्रधानमंत्री  द्वारा लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के व्यापक उद्देश्य पर बल देते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि वर्चुअल कार्यक्रम में  प्रधानमंत्री  अन्त्योदय दृष्टिकोण के व्यापक आवरण में पीछे छूटे लोगो को कैसे संतृप्त किया जा सकता हैं, विभिन्न लाभार्थी उन्मुख योजनाओं द्वारा लाये गये जीवन में सुलभता को समझना, विभिन्न योजनाओ में सुधार के लिये नवीन विचारो की तलाश करना, उच्च लाभो की प्राप्ति के लिये आगे अभिसरण की संभावना का पता लगाना तथा 2047 में जब राष्ट्र स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरा करने के सम्बन्ध में नागरिकों की आंकाक्षाओ पर चर्चा करना आदि व्यापक विजन हैं। सरकार ने व्यापक और अभिसरण तरीके से अपनी विविध आवश्यकताओं को पूरा करने वाले लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई योजनाएं शुरू की हैं। हाल के दिनों में शुरू की गई कई योजनाओं का उद्देश्य पात्र व्यक्तियों या परिवारों के पूरे समूह को संतृप्त करना है। सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना, आधार आदि जैसे विभिन्न ढांचे का विकास, सरकारों को ऐसे लाभार्थियों की स्पष्ट रूप से पहचान करने में मदद करता है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करने वाली योजनाओं का अभिसरण उन्हें अपेक्षा की लंबी अवधि के लिए छलांग लगाने और सम्मान के जीवन जीने में मदद करता है, जिसके लिए भारत के नागरिक स्वतंत्रता के बाद से एक सदी के तीन चैथाई खर्च करने के लायक हैं।  प्रधानमंत्री  ने इस बात पर जोर दिया है कि हमें कार्यक्रमों को एक संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ लागू करना चाहिए और कोई भी नागरिक पीछे नहीं रहना चाहिए। जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्र भारतीय स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर को पीआरआई, नागरिक समाज संगठनों, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों सहित निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ लाभार्थियों की एक राष्ट्रव्यापी बातचीत का आयोजन करके न केवल उनके प्रभाव को देखने के लिए बल्कि यह भी चर्चा करने के लिए कि इन्हें कैसे सुधार किया जा सकता है, इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने का प्रस्ताव है। ताकि सभी के लिए गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत हो और राष्ट्र को आगे सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए तैयार किया जा सके। इस कार्यक्रम का नेतृत्व 31 मई 2022 को शिमला, हिमाचल प्रदेश से प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह राज्य स्तर पर, जिला स्तर पर, विकास खंड स्तर पर, प्रदेश के समस्त कृषि विज्ञान केंद्र पर एवं विभिन्न स्तर पर आयोजित की जाने वाली कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी दोनों), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पोषण अभियान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण और शहरी दोनों), जल जीवन मिशन और अमृत, प्रधानमंत्री स्व निधि योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन  आरोग्य योजना, आयुष्मण भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन आदि योजनाओं के संबंध में प्रधानमंत्री वर्चुअल वार्तालाप करेंगे।  उन्होंने बताया कि सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख आदि लोग उपस्थित रहेंगे। यह वर्चुअल वार्तालाप 9ः45 से 10ः50 तक  मुख्यमंत्री  की अध्यक्षता में लोकभवन एवं पूर्वान्ह 11ः00  बजे से 12ः15  बजे तक शिमला में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में  प्रधानमंत्री  वार्तालाप करेंगे। वर्चुअल सवांद में लाभार्थियो से वार्ता एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (11वीं किश्त) का वितरण पर फोकस किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी जगहों पर बड़ी स्क्रीन लगाई जाए योजना के लाभार्थी आसपास एवं नजदीक के हो जिससे आसानी से आ सके। उन्होंने कहा कि इसमें ग्राम प्रधानों को भी शामिल किया जाए जिससे कि आसानी हो।

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