*सोलर एक्सप्रेसवे को लेकर नौ अगस्त को लखनऊ में होगा सेमिनार*
*मंत्री नन्दी ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित कैंप कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक, जिसमें लिया गया निर्णय*
लखनऊ/ बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी तेज हो गई है। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने शुक्रवार को 6 कालीदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में विभागीय अधिकारियों संग बैठक की। जिसमें सोलर एक्सप्रेसवे निर्माण को लेकर नौ अगस्त को लखनऊ में सभी स्टेक होल्डर एवं सौर ऊर्जा विशेषज्ञ के साथ वृहद सेमिनार करने एवं दस अगस्त को प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के साथ ही प्रगति की समीक्षा बैठक एवं निरीक्षण का निर्णय लिया गया। प्रमुख सचिव अनिल सागर, सचिव अभिषेक प्रकाश, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही बिजली भी पैदा करेगा। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर पर्यावरण संरक्षण के लिए 25 हजार से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। साथ ही 1700 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश का सबसे लंबा सोलर पार्क भी विकसित किया जाएगा। जिससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा। इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे और सर्विस रोड के बीच स्थित 1700 हेक्टेयर भूमि पर 15-20 मीटर चौड़ाई में सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों को 25 वर्ष के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के पहले सोलर एक्सप्रेसवे को धरातल पर लाने की तैयारी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कैम्प कार्यालय में अधिकारियों संग बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि दिनांक नौ अगस्त को एक वृहद सेमिनार आयोजित किया जाए। जिसमें सोलर एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर सभी स्टेक होल्डर और सौर ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा हो। जिसमें चर्चा होगी कि संचित उर्जा से वहां के लोगों को कैसे लाभ पहुंचाया जा सके। सोलर एक्सप्रेसवे के साथ ही गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति पर भी चर्चा हुई। महाकुम्भ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा करने एवं कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए दिनांक 10 अगस्त को प्रयागराज में समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया गया। जिसमें गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य से जुड़े सभी अधिकारी शामिल होंगी। बैठक के बाद मंत्री नन्दी अधिकारियों के साथ निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।