- साढ़े 8 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- पिता ललित कुमार झां को सिर्फ 2000 रुपये अर्थदंड से किया गया दंडित
- अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
- साढ़े छह वर्ष पूर्व 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ का मामला
फोटो: कोर्ट भवन
सोनभद्र। साढ़े छह वर्ष पूर्व 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी प्रिंस कुमार झां को 3 वर्ष की कैद एवं साढ़े 8 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि पिता ललित कुमार झां को सिर्फ 2000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 19 मई 2018 को शक्तिनगर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 19 मई 2018 को दोपहर 2 बजे जब उसकी 12 वर्षीय नाबालिग बेटी घर में अकेले मौजूद थी तभी शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बीना कालोनी निवासी प्रिंस कुमार झां पुत्र ललित कुमार झां जो मूल निवासी बिहार प्रांत के जिला खगड़िया, थाना गोगारी, ग्राम भोजुआ का रहने वाला है उसके घर का दरवाजा तोड़कर घर मे घुस गया और उसकी नाबालिग बेटी को गाली देते हुए उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर उसके साथ ही अन्य कई लोग आ गए। उधर प्रिंस के पिता भी आ गए और मारपीट करने लगे। प्रिंस ने उसके सर में मारकर गम्भीर चोट पहुंचा दिया और पिता-पुत्र गाली देते हुए जान मारने की धमकी देते हुए भाग गए। इस तहरीर पर पुलिस ने 19 मई 2018 को पिता-पुत्र के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में मारपीट, छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 8 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी प्रिंस कुमार झां को 3 वर्ष का कारावास एवं साढ़े 8 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि ललित कुमार झां को कोर्ट ने सिर्फ 2000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।