नई दिल्ली / भारत के शहरी परिदृश्य को आधुनिक और सतत विकास की ओर ले जाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड द्वारा निर्मित कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में नरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी), सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर और द्वारका में सीबीएसई मुख्यालय शामिल हैं। यह सभी परियोजनाएं उन्नत डिजाइन, स्थिरता और सामुदायिक केंद्रित योजना का प्रतीक हैं।
628 पुरानी कॉलोनियों के स्थान पर 25 एकड़ भूमि में निर्मित यह परियोजना दिल्ली के वाणिज्यिक क्षेत्र को नया स्वरूप प्रदान करती है। 12 अत्याधुनिक टावरों में लगभग 34 लाख वर्ग फीट का प्रीमियम कार्यालय क्षेत्र शामिल है। इसमें 124 हाई-स्पीड लिफ्ट, ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी निगरानी, और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाएं हैं। बिल्डिंग तकनीकों और 800 किलोवाट के सोलर पैनलों से सुसज्जित है। जल प्रबंधन और शून्य अपशिष्ट निर्वहन जैसी विशेषताएं इसे एक आदर्श पर्यावरणीय परियोजना बनाती हैं। 18.95 एकड़ में फैला यह आवासीय पुनर्विकास प्रोजेक्ट 28 टावरों में 2,526 आवासीय इकाइयों के साथ तैयार किया गया है। यहां वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा संचालित कचरा प्रबंधन और जल शोधन संयंत्र जैसी सुविधाएं शामिल हैं। द्वारका में 3 एकड़ भूमि पर ₹300 करोड़ की लागत से निर्मित सीबीएसई मुख्यालय आधुनिक शैक्षिक अवसंरचना का प्रतीक है। यह पर्यावरणीय अनुकूलता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ भारत की शिक्षा प्रणाली के विकास को बढ़ावा देगा।
इन परियोजनाओं ने कुल 45 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजन किया है। एनबीसीसी ने पुनर्विकास और सतत शहरीकरण के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता से भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं को दिल्ली के शहरी परिदृश्य में एक नया अध्याय बताते हुए कहा कि यह प्रयास भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।