आज सारनाथ में बनारस क्वीयर प्राइड के द्वारा आयोजन श्रृंखला में पहला पिकनिक (पॉटलक) का आयोजन हुआ।
ज्ञातव्य है कि पिकनिक ( पॉटलक ) किसी ख़ास मकसद से जुटे लोगों का सामूहिक आयोजन होता है। ये किसी सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होकर समुदाय को एकजुट करने, सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाने – टीम निर्माण, विविधता का जश्न मनाने – अनेकता में एकता, तनावमुक्त और आनंददायक माहौल और नए व्यंजनों का अनुभव करने, खाद्य विविधता के साथ अपनी विविधता को बढ़ावा देकर समानता, प्यार और सम्मान का संदेश देने के प्रयास के लिए किया जाता है।
आज इसी अनूठे और आकर्षक किस्म का आयोजन करने के लिए बनारस में सारनाथ बौद्ध मंदिर परिसर में क्वीयर प्राइड माह का आयोजन कर रहे एलजीबीटी समुदाय के कार्यकर्ता जुटे ।
कार्यक्रम के दौरान एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों ने इन्द्रधनुशी प्रकृति के हमनवां साथियों का स्वागत किया गया।
पिकनिक में आए प्रतिभागी अनुराग ने कार्यक्रम को जरूरी बताते हुए लगातार करने की जरूरत बताई। साथ ही बताया कि समाज के सभी रंगों को एक साथ आने की जरूरत है। क्वीयर समुदाय को सहयोग करने वाले लोगों का साथ आना जरूरी है तभी सामूहिकता और सहजीवन का लक्ष्य प्राप्त होगा।
पॉटलक में आए हेतवी ने बताया कि इंद्रधनुष ध्वज या गौरव ध्वज एलजीबीटी गौरव और एलजीबीटी सामाजिक आंदोलन का प्रतीक है। ये रंग एलजीबीटी समुदाय की विविधता , मानव कामुकता और लिंग के स्पेक्ट्रम को दर्शाते हैं। एलजीबीटी गौरव के प्रतीक के रूप में इंद्रधनुष झंडे का उपयोग सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में शुरू हुआ, लेकिन अंततः दुनिया भर में एलजीबीटी अधिकार कार्यक्रमों में आम हो गया। इस ध्वज के नीचे आने वाले लोग अपने आप को समाज से जुड़ा महसूस करें इसलिए भी ऐसे कार्यक्रमों को करते रहना जरूरी है।
आयोजकों ने अपने इस रचनात्मक कार्यक्रम में समाज मे व्याप्त रूढ़ियों पर प्रहार किया और जेंडर आधारित भेदभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया। और एलजीबीटी समुदाय के प्रति समाज मे स्वीकार्यता की इस मुहिम को जारी रखने के प्रति अपने संकल्प को दोहराया।
अंत में आयोजक ने बताया कि बनारस क्वीयर प्राइड 2024 के आयोजन से पहले इस प्रकार के 6 और रचनात्मक आयोजन किये जाएंगे। जो कि आज से लेकर 8 दिसंबर तक किया जाएगा।
पिकनिक (पॉटलक) में प्रमुख रूप से अनुराग, हेतवी, नीति, अनामिका, मो. रूमान, पीयूष सिन्हा, जैस, सूरज और शिवांगी साथी आदि मौजूद रहे।