वंचित वर्ग की आवाज़ बना भागीदारी साहित्य उत्सव – असीम अरुण

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▪️ समाज कल्याण विभाग उ. प्र. एवं मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम

▪️ वंचित वर्ग की दशा एवं दिशा से संबंधित विभिन्न विषयों पर हुआ विमर्श

▪️ अनुसूचित जाति, महिला, ट्रांसज़ेण्डर्स इत्यादि को सामाजिक न्याय दिलाने में भविष्य की रूपरेखा तय करेगा ‘भागीदारी साहित्य उत्सव’

लखनऊ:   समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश एवं मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट के संयुक्त तत्वावधान में “भागीदारी साहित्य उत्सव” रविवार को भागीदारी भवन, गोमती नगर, लखनऊ में असीम अरुण, राज्य मंत्री (स्व. प्र.) समाज कल्याण एवं  गण्यमान्य प्रबुद्धजनों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री अरुण जी द्वारा समाज के वंचित वर्गों को परिभाषित करते हुए  विभाग के प्रयासों एवं सामाजिक न्याय हेतु बृहद स्तर पर किए जा रहे नवीन पहलों के संबंध पर चर्चा की गई। उन्होंने अफ़रमेटिव एक्शन, आरक्षण, ईडब्ल्यूएस, ट्रांसज़ेण्डर्स कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण इत्यादि विषयों पर विचार व्यक्त करते हुए भविष्य में सामाजिक न्याय की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

मौजूदा दौर में दलित साहित्य और उसका प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण, दलित साहित्य के स्तम्भ शिवराज सिंह बेचैन व शरण कुमार लिंबले जी द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए। उन्होंने विमर्श के दौरान कहा कि दलित साहित्य किसी जाति, धर्म, क्षेत्र, प्रदेश या देश से ही जुड़ा न होकर समस्त वंचित वर्गों का साहित्य है, जिसमें आज सभी जाति धर्म क्षेत्र के लेखक अपना योगदान दे रहे हैं, जिसके मूल में स्वतंत्रता एवं अधिकार की भावना निहित है।

हाशिए के लोगों के सिनेमा पर चर्चा करते हुए फ़िल्मकार  अतुल तिवारी एवं गीतकार डॉक्टर सागर जी ने विचार व्यक्त किया कि सिनेमा अब और अधिक संवेदनशील हो रहा है। फ़िल्म आर्टिकल 15 की क्लिपिंग के माध्यम से दर्शाया गया कि कैसे समाज विभिन्न जाति वर्गों में आंतरिक वर्गीकरण से भी प्रभावित है। डॉक्टर सागर ने कहा कि वंचित वर्ग का सिनेमा में प्रतिनिधित्व बढ़ने के साथ ही हाशिए के लोगों का सिनेमा भी मुखर होकर आएगा।

सम्मिलित बनाम उपेक्षित सेशन के दौरान प्रोफ़ेसर संघमित्रा आचार्य, प्रोफ़ेसर कौशल पंवार और शाज़िया इल्मी जी द्वारा समस्त वंचित वर्गों अनुसूचित जाति, महिला एवं अन्य वंचित समुदायों के अधिकारों पर संवेदनशीलता के साथ भविष्य के स्वरूप पर विमर्श किया गया।   ट्रांसज़ेंडर विषय पर सामाजिक मान्यता और समानता पर समुदाय के सम्मानित व्यक्तित्व एवं समाज सुधारकों शिवेन गुरेजा, गजानन सिंह, फ़्रांसिस सुंडी, सुमन मोहाकुड, कीर्ति कुमार, डॉक्टर संजना सिमन और नीलोफर जी द्वारा ट्रांसज़ेंडर कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश की सदस्य देविका देवेंद्र एस. मंगलामुखी जी ने संवाद किया और ट्रांसज़ेंडर समुदाय के कल्याण और अभिव्यक्ति पर प्रकाश डाला गया।

‘हमारा समाज हमारी भागीदारी’ विषय पर असीम अरुण, समाज कल्याण मंत्री, प्रोफ़ेसर टी. वी. कट्टीमनी, गुरु प्रकाश पासवान ने युवा वंचित वर्ग के भविष्य पर प्रकाश डाला गया जिसमें रोटी- बेटी के साथ आज पूंजी के संबंधों का उदाहरण देकर बताया कि आज संवाद से समाधान का दौर है जहां सबका साथ सबका विकास हो रहा है। कार्यक्रम के दौरान ही डॉक्टर नीना गुप्ता, डॉक्टर राज गौरव और डॉक्टर विशाखा सेन द्वारा लिखी पुस्तक ‘मिथ, माइथोलॉजी एंड माइथोलॉजिकल नैरेटिव्स’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर बी. आर. अम्बेडकर जी के योगदान और व्यक्तित्व पर विमर्श के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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