रिहंद ग्रामीणों एवं विस्थापितों को बुनियादी सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, आदि के लिए संकल्पित-पंकज मेदीरत्ता

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   परियोजना प्रमुख पंकज मेदीरत्ता रुबरू हुये मीडिया प्रतिनिधियों से

बीजपुर  एनटीपीसी के रिहंद स्टेशन में शनिवार को शिवालिक अतिथि गृह में स्टेशन  प्रबंधन के तत्वाधान में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ परियोजना प्रमुख (रिहंद) की वार्ता हर्षपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। इस आयोजन में परियोजना प्रमुख (रिहंद) पंकज मेदीरत्ता नें मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब बड़े ही सहजतापूर्वक देते हुये कहा कि रिहंद स्टेशन के कर्मियों एवं अधिकारियों में विषम से विषम परिस्थितियों में भी चुनौती स्वीकार करने की क्षमता है। उन्होने कहा कि यह स्टेशन 500 मेगावाट से शुरू होकर आज 3000 मेगावाट उत्पादन की क्षमता वाला स्टेशन बन गया है। एनटीपीसी रिहंद ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में जनवरी  2024 तक 19696.92 एमयू उत्पादन 89.40 % पीएलएफ़ पर किया है।

श्री पंकज मेदीरत्ता नें बताया कि रिहंद उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाला विद्युत संयंत्र है, जहां कोयला द्वारा बिजली का कुल 3000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। श्री पंकज मेदीरत्ता ने बताया कि रिहंद विद्युत उत्पादन के साथ-साथ 89.40% पीएलएफ़ तथा उपलब्धता के आधार पर भी अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान बनाए हुये है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने एवं पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रयासों की चर्चा करते हुये परियोजना प्रमुख नें बताया कि रिहंद पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह समर्पित है और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए रिहंद द्वारा अब तक मियावाकी पद्धति से 18500 से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है, जिससे संयंत्र क्षेत्र तथा आस-पास में हरियाली व्याप्त है। साथ ही एनटीपीसी रिहंद में 20 मेगा वाट सोलर संयंत्र की स्थापना का कार्य भी प्रगति पर है। देश में सयंत्रों से बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनटीपीसी रिहंद नें एक अभिनव पहल करते हुये संयंत्र से उत्सर्जित सल्फर डाइऑक्साइड को वायुमंडल में न जाने देने के लिए एफ़जीडी की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। साथ ही परियोजना प्रमुख नें रिहंद की गतिविधियों, संयंत्र की उपलब्धियों एवं सीएसआर तथा सामाजिक गतिविधियों के बारें में विस्तार से जानकारी दी।

परियोजना प्रमुख नें कहा कि एनटीपीसी रिहंद विभिन्न श्रोतों एवं माध्यमों से राख़ उपयोगिता की ओर अग्रसर है एवं वर्तमान में 76% से अधिक राख़ उपयोगिता का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एवं आगामी वर्षों में भारत सरकार के नियमों के अनुसार इसे शत प्रतिशत करना भी सुनिश्चित कर लिया जाएगा।

तत्पश्चात परियोजना प्रमुख ने सीएसआर गतिविधियों की भी विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि रिहंद के ग्रामीणों एवं विस्थापितों के जनकल्याण के लिए समर्पित है। रिहंद ग्रामीणों एवं विस्थापितों को बुनियादी सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क, सामुदायिक भवन के लिए संकल्पित है, जिससे ग्रामीणों एवं विस्थापितों को इसका लाभ मिल सके। उन्होने यह भी कहा कि एनटीपीसी रिहंद द्वारा सेवाकुंज आश्रम, चपकी में अध्ययनरत जनजातीय छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिसमें से कुछ बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा रहे हैं। इसके पूर्व वरिष्ठ प्रबन्धक (पी एंड एस) तपन गुप्ता एवं कार्यपालक (नैगम सामाजिक दायित्व) सुश्री नर्गिस द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनटीपीसी रिहंद के कार्य कुशलता एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।  कार्यक्रम में मुख्य रूप से जनपद सोनभद्र के मुख्यालय रावट्सगंज , रेनूकूट ,बीजपुर , अनपरा , सिंगरौली एवं वैढ़न आदि स्थानों के मीडिया प्रतिनिधिगण, मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना) देबदत्ता सिन्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) संजय असाटी, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) आर.एन सिन्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन) एस के श्रीवास्तव, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) जाकिर खान, अपर महाप्रबंधक (ईएमजी) विश्वजीत घोष, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री संतोष कुमार उपाध्याय, वरिष्ठ प्रबन्धक (ईएमजी) राघवेंद्र नारायण, उप प्रबन्धक (मानव संसाधन) अरविंद कुमार शुक्ल आदि उपस्थित रहे।

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