वाराणसी। पं.कमलापति त्रिपाठी की 117 वीं जयन्ती पर पं.कमलापति त्रिपाठी फाऊंडेशन द्वारा औरंगाबाद में आज आयोजित जयन्ती एवं पत्रकारिता सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये बीएचयू आईआईटी के आचार्य एवं संकटमोचन मंदिर के श्रीमहंथ प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा कि कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय क्षितिज पर काशी की संस्कृति के आदर्श प्रतिनिधि थे, जिन पर काशी को सहज गौरव था। उस संस्कृति की बुनियाद पर खड़े उनके गतिशील व्यक्तितव ने राष्ट्रीय राजनीति ही नहीं, साहित्य, पत्रकारिता, स्वतंत्रता संघर्ष एवं उस स्वतंत्रता का संविधान तराशने के युगदायित्व के प्रति अपनी ऐतिहासिक भूमिका दर्ज की।
अध्यक्षीय सम्बोधन में दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा एवं नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रो.राम मोहन पाठक ने कहा कि त्रिपाठी जी ने काशी में पराड़कर जी की पत्रकारिता परम्परा को आगे बढ़ाते हुये आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता के योगदान का स्वर्णिम इतिहास रचा। वह काशी की पत्रकारिता की उन यशस्वी विभूतियों में थे, जो अपने को आजीवन मूलत: पत्रकार मानने के बावजूद, पत्रकारिता को पेशा नहीं, मिशन मान कर काम करते रहे।
फाऊंडेशन के अध्यक्ष श्री राजेशपति त्रिपाठी ने स्वागत करते हुये यह दोहराया कि क्षोभ के कुछ कारणोंवश पंडित जी की विगत जयन्ती पर मैंने कांग्रेस से अलग होने का फैसला जरूर हुआ, पर कांग्रेसियत एवं गांधी-नेहरू विचार परम्परा की प्रतिबद्धता से कटकर नहीं जी सकता। इसके पीछे पंडित जी से मिले संस्कार हैं। अनेक दलों के शीर्ष से यद्यपि बड़े राजनीतिक प्रलोभनों ही नहीं, परेशानियों के भी पहाड़ जैसे कठिन दबावों का हमें एक साल में सामना करना पड़ा है, लेकिन हम विचार के संस्कारों से कट नहीं सकते।
समारोह को मुख्य वक्ता के रूप में जहां प्रो.सतीश कुमार राय ने सम्बोधित करते हुये त्रिपाठी ने जुड़े अनेक प्रेरक संस्मरणों के साथ उनकी व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला, वहीं पं.कमलापति त्रिपाठी पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किये गये तीन वरिष्ठ पत्रकारों का भी सम्बोधन हुआ। उल्लेखनीय है कि समारोह में वरिष्ठ पत्रकार श्री चक्रवर्ती गणपति नावड़ को ₹50 हजार तथा कृष्ण देव नारायण राय एवं राजीव कुमार ओझा को ₹25 हजार की सम्मान राशि के साथ फाऊंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया। इनके अतिरिक्त सर्वश्री विजय शंकर पाण्डेय एवं सतीश चौबे को भी शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह का आरंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। धन्यवाद ज्ञापन श्री बैजनाथ सिंह ने तथा संचालन श्री विजय कॄष्ण ‘अन्नू’ ने किया।तीनों पत्रकारों को पंडित कमलापति त्रिपाठी पत्रकारिता पुरस्कार और विजयशंकर पान्डेय और सतीश चौबे को शिखर सम्मान अंजलि त्रिपाठी,दिनेशपति त्रिपाठी ललितेशपति त्रिपाठी,तुषार त्रिपाठी और ब्रम्हर्षि पति त्रिपाठी के हाथों दिया गया, समारोह में मीरजापुर, चन्दौली, सोनभद्र, इलाहाबाद,बलिया, जौनपुर और वाराणसी के सैकड़ों संभ्रांत लोगों की प्रशस्त उपस्थित से कार्यक्रम गरिमामय और भव्यता के साथ पूर्ण हुआ ।