विंढमगंज थाना क्षेत्र स्थित एक जंगल में ले जाकर किया था मुंहकाला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में विंढमगंज थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है। उक्त आदेश कोन थाना क्षेत्र स्थित एक गांव निवासी पीड़िता के नाना की ओर से अधिवक्ता रोशन लाल यादव के जरिए दाखिल धारा 156(3)सीआरपीसी के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने दिया है।
दिए प्रार्थना पत्र में नाना ने अवगत कराया है कि वह अपनी 14 वर्षीय नातिन को अपने यहां शुरू से रखकर पालन पोषण किया है और वह उसी के यहां रहती है। घटना के एक सप्ताह पूर्व वह अपनी बड़ी बहन के यहां गई थी। 27 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे की घटना है। जब नातिन ने अपनी बड़ी बहन से मेरे यहां आने के लिए कही तो उसकी बड़ी बहन ने मोटरसाइकिल से जा रहे परचित विनय कुमार गुप्ता पुत्र मानिक चंद निवासी गिधिया, थाना कोन , जिला सोनभद्र पर भरोसा करके कोन बाजार तक ले जाकर छोड़ने के लिए कह दिया। जब कोन की ओर न जाकर विंढमगंज की ओर ले जाने लगा तो पीड़िता ने उसे रोका तो उसने कहा कि कुछ विंढमगंज काम है उसके बाद छोड़ देंगे। इसके बाद जंगल में ले जाकर उसके साथ जमीन पर पटक कर जबरन बलात्कार किया।
उसके बाद उसे कचनरवा बाजार में छोड़कर भाग गया। किसी तरह नातिन खून से लथपथ हाल में उसके पास पहुंची तो सारी बात बताई। दूसरे दिन थाने जाकर सूचना दिया किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब 9 फरवरी 2024 को एसपी को रजिस्टर्ड डाक से सूचना दिया, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूर होकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया हूं। अदालत ने थाने से रिपोर्ट मंगाया तो कोई एफआईआर दर्ज होना नहीं पाया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रथमदृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए विंढमगंज थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया है।