क्लस्टर-2 तेल का उत्पादन नवंबर, 2021 तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई। ओएनजीसी ने समुद्र के नीचे से तेल का उत्पादन शुरू करने के लिए फ्लोटिंग जहाज आर्मडा स्टर्लिंग-वी किराये पर लिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपनी बहुप्रतीक्षित प्रमुख गहरे समुद्र परियोजना से तेल उत्पादन शुरू कर दिया है।
कंपनी को अपनी इस प्रमुख परियोजना से उत्पादन शुरू करने में काफी देरी हुई है। कंपनी ने कहा कि इससे उसे बरसों के उत्पादन में गिरावट के रुख को पलटने में मदद मिलेगी।
ओएनजीसी ने केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 परियोजना से उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी धीरे-धीरे यहां से उत्पादन बढ़ाएगी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘जटिल और कठिन ब्लॉक से पहला तेल उत्पादन शुरू हो गया है।’’
उन्होंने मौजूदा उत्पादन के बारे में कोई संकेत न देते हुए कहा कि कच्चा तेल उत्पादन प्रतिदिन 45,000 बैरल और गैस उत्पादन एक करोड़ घनमीटर प्रतिदिन रहने की उम्मीद है।
क्लस्टर-2 तेल का उत्पादन नवंबर, 2021 तक शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई। ओएनजीसी ने समुद्र के नीचे से तेल का उत्पादन शुरू करने के लिए फ्लोटिंग जहाज आर्मडा स्टर्लिंग-वी किराये पर लिया है।
इसका 70 प्रतिशत स्वामित्व शापूरजी पालोनजी ऑयल एंड गैस के पास और 30 प्रतिशत मलेशिया की बुमी आर्मडा के पास है। ओएनजीसी ने क्लस्टर-2 तेल की पहली समयसीमा मई, 2023 निर्धारित की थी। इसे बाद में बढ़ाकर अगस्त, 2023, सितंबर 2023, अक्टूबर, 2023 और अंत में दिसंबर, 2023 किया गया था।