गाजीपुर/ आनंदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वधान में एक दिवसीय सामाजिक व अध्यात्मिक सेमिनार का आयोजन आनंद मार्ग स्कूल, शक्करपुर, गाजीपुर में आज दिनांक 19 फरवरी 2023 को हुआ|
इस सेमिनार का शुभारंभ सुबह 5:00 बजे पांच्जन अनुष्ठान से हुआ। इस सेमिनार के मुख्य वक्ता व प्रशिक्षक आचार्य विष्णु मित्रानंद दूध जी ने शिव की शिक्षा विषय पर विस्तृत चर्चा करते हुए भगवान शिव द्वारा दिए गए युक्ति स्वरूप 12 संस्कृत श्लोकों का वर्णन करते हुए कहा कि नारी शब्द स्त्रीलिंग है किंतु शिव ने कहा नारी को कलत्र कहा जाता है ये क्लीवलिंग के रूप में व्यवहार होता है।विवाह शब्द का शाब्दीक अर्थ है विशेष प्रकार का दायित्व ग्रहण कर नूतन प्रकार से जीवन धारा को प्रवाहित करना। यही है शैव विवाह का अंतर्निहित तात्पर्य। धर्म का मतलब है किसी सत्ता का वह विशेष गुण जो उस सत्ता के अस्तित्व को धारण किए हुए है।मनुष्य का धर्म भागवत धर्म है। मनुष्य को वर्तमान में रहना होगा। जीवन का आयाम दो होता है।व्यक्तिगत जीवन और सामाजिक जीवन।व्यक्तिगत जीवन में भूत को भूलना होगा।सामाजिक जीवन में भूत को याद रखोगे जिससे समाज को शिक्षा मिले चूंकि इतिहास से ही भविष्य बनता है। जिन जन गोष्टी का अपना इतिहास नहीं उसका अपना भविष्य भी नहीं होता है। आज वर्तमान के प्रायोगिक मूल्य से समाज में व्याप्त इतिहास का संबंध ना होने से मनुष्य का जीवन एकांगी बनने के कारण सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है। 3 घंटे का अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र बाबा नाम केवलम कीर्तन के पश्चात आचार्य जी ने सेमिनार के दूसरा विषय अणु मन और भूमा मन के व्याख्यान करते हुए कहा कि आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा दिया गया राजाधिराज योग साधना का परम एवं चरम अवस्था है अणु मन (व्यष्टि का मन) भूमा मन (ब्रह्म) मे मिलकर एकाकार हो जाना जिससे उसका क्षूद्रत्व बृहत्व में और जीव शिव में परिणत हो जाता है।
अंत में सेमिनार को ग्राम स्तर तक ले जाने की योजना एवं आनंद मार्ग स्कूल का विकाश के लिए कार्य योजना पर कुछ विशेष कदम उठाए जानें का निर्णय लिया गया। इस सेमिनार में गाजीपुर के आनंद मार्ग के अनुयायियों की उपस्थित रही। श्री बद्री जी, महेंद्र जी, जिला सचिव घूरहू प्रसाद व अन्य का सहयोग रहा ।