प्रबोधिनी एकादशी पर बलुआ घाट गंगा में हजारों ने लगायी आस्था की डुबकी 

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-बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर स्नान करते श्रद्धालु 

चहनियां चंदौली ।क्षेत्र के  बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर शुक्रवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं  ने तुलसी विवाह , एकादशी ( देवोत्थान) के अवसर पर आस्था की डुबकी लगायी । महिलाओं ने मूली व बैगन का दान किया ।  भीड़ को देखते हुए बलुआ पुलिस घाट पर मुस्तैद रही । गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल अपने गंगा सेवको के साथ लोगो की सहायता करते रहे । एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद रही । लोगों के घरों में तुलसी विवाह का भी आयोजन हुआ । कार्तिक मास की एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है । इस एकादशी को देवउठनी एकादशी व जुठवन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है । हिन्दू धर्म मे तुलसी विवाह का बहुत अधिक महत्व होता है । इस दिन बिष्णु स्वरूप शालिग्राम की शादी तुलसी से करायी जाती है ।

इस दिन गंगा में स्नान दान करने व  तुलसी और शालिग्राम की पूजन अर्चन करने वैवाहिक जीवन मे खुशियां आती है । कार्तिक मास में गंगा में स्नान दान को बेहद खास महत्व दिया गया है । माना जाता है कि इस मास में तुलसी को जल देने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है । इन्ही परम्पराओं का निर्वहन करते हुए शुक्रवार को बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी । स्नान का सिलसिला भोर से ही शुरू हो गया । महिलाओं ने गंगा में स्नान के पश्चात मूली व बैगन गंगा में दान किया । वही घाट पर बने अस्थायी भीमसेन की पूजन अर्चन किया । भीड़ को देखते हुए सभी छोटे बड़े वाहनों को बलुआ पुलिस ने बाल्मीकि इंटर कालेज के फील्ड में पार्किंग करा दिया । बलुआ बाजार से लेकर घाट तक भारी मात्रा में फोर्स तैनात रही । बाजारों में गन्ना व फल की लोगो ने खरीदारी किया । लोगो के घरों में तुलसी विवाह का आयोजन धूमधाम से किया गया ।

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