अंबेडकरनगर , एनटीपीसी टांडा की जनसंपर्क अधिकारी शिखा प्रसून ने बताया कि देशभर में कोयले की जो स्थिति चल रही है उसमें एनटीपीसी टांडा परियोजना पर कोई स्थाई प्रभाव नहीं पड़ा है । हम 1760 मेगा वाट के इस संयंत्र को सुचारू रूप से चलाने और बिजली का पर्याप्त उत्पादन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं । एनटीपीसी टांडा की पहली इकाई से शत-शत बिजली हमारे उत्तर प्रदेश को मिलती है । एनटीपीसी टांडा स्टेज एक ने सन 2000 से ही प्रदेश में निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है। जिसको स्टेज दो की दोनों यूनिटों की कमीशीनिग को बल मिला है। कुछ सालों के अंतराल में ही हमने एक ऐसे संयंत्र की बुनियाद रखी जो उत्तर प्रदेश के विकास की रोशनी लेकर आ रही है। कोविड 19 की पहली और दूसरी लहर में भी हमने उत्तर प्रदेश में लगातार प्रकाश बनाए रखा और चिकित्सा संसाधनों का निरंतर संचालन सुनिश्चित किया हम आपको आश्वस्त करते हैं कि एनटीपीसी टांडा इस दृष्टि और लक्ष्य से सदैव चलता रहेगा । कोयले के संबंध में एनटीपीसी टांडा की स्थिति बेहतर है और हमारे पास कोयला भंडार भी पर्याप्त है। हम भरोसा दिलाते हैं कि जो कुछ राष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कमी देखने को मिल रही है उसको दूर करने का प्रबंधन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है और जल्द ही स्थिति सामान्य होने की पूरी संभावना है । एनटीपीसी के प्रबंधन द्वारा किए गए निरंतर प्रयास से टांडा परियोजना को अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति की गई है । जिससे कि उत्तर प्रदेश के निवासियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय कोयला मंत्रालय एवं एनटीपीसी के केंद्रीय कार्यालय के लिए टांडा परियोजना एक उच्च प्राथमिकता है और रहेगी ।