एनटीपीसी तालचेर थर्मल ने ग्रामीण महिलाओं को मिलेट प्रसंस्करण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया कदम

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अंगुल। ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एनटीपीसी तालचेर थर्मल ने 27 अगस्त से 13 सितंबर, 2024 तक एक विशेष मिलेट प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बंटोल ग्राम पंचायत के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 30 महिलाओं को बाजरा (मिलेट) प्रसंस्करण और संरक्षण की तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और बाजरा के प्रसंस्करण के जरिये आय के नए साधन उत्पन्न करना था। बाजरा की खपत से न केवल पोषण स्तर में सुधार होगा बल्कि यह स्थानीय कृषि और सामुदायिक अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा। 

13 सितंबर को हुए समापन समारोह में महिलाओं को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन पर प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर सागरिका लेडीज क्लब की अध्यक्ष श्रीमती विभा अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने इस कार्यक्रम को महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा, “यह प्रशिक्षण न केवल नए कौशल प्रदान करता है, बल्कि महिलाओं के लिए उद्यमशीलता के नए द्वार खोलता है। महिलाओं का समर्पण और सीखने का जज़्बा प्रेरणादायक है।” बंटोल ग्राम पंचायत की सरपंच जयंती लता भी इस मौके पर उपस्थित थीं और उन्होंने एनटीपीसी तालचेर थर्मल की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं एनटीपीसी तालचेर थर्मल को इस प्रयास के लिए आभार व्यक्त करती हूं, जिसने हमारे समुदाय की महिलाओं को नई उम्मीद दी है। यह न केवल उनके परिवारों का उत्थान करेगा बल्कि पूरे गांव की प्रगति में योगदान देगा।”सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा संचालित इस प्रशिक्षण का फोकस महिलाओं को तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की भावना को विकसित करने पर था। प्रशिक्षकों ने साझा किया, “हमारा उद्देश्य केवल प्रसंस्करण की तकनीक सिखाना नहीं था, बल्कि महिलाओं को यह आत्मविश्वास देना था कि वे अपने दम पर छोटे-मोटे उद्यम शुरू कर सकें।”

परियोजना प्रमुख (एचओपी)  विजय चंद ने एनटीपीसी तालचेर थर्मल की सामुदायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, “एनटीपीसी तालचेर थर्मल का उद्देश्य कौशल-निर्माण के माध्यम से स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाना है। यह प्रशिक्षण हमारे मिशन के अनुरूप है, जो महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।”

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रभाव न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति पर होगा, बल्कि यह टिकाऊ कृषि और स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा देगा। बाजरा के उपयोग से न केवल स्थानीय फसल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इसके पोषक तत्वों के कारण परिवारों की सेहत में भी सुधार आएगा। एनटीपीसी तालचेर थर्मल की यह पहल क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित होगी, जिसका लाभ आने वाले समय में पूरे समुदाय को मिलेगा।

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