यह भारतीय रेल की सभी क्षेत्रीय रेलों / पीएसयू में सर्वाधिक
उत्तर रेलवे उच्चतम रिकॉर्ड बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ पर, सिस्टम को स्क्रैप से मुक्त करने के लिए तैयार
नई दिल्ली / उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में 422.20 करोड़ रुपये (आज तक) मूल्य के स्क्रैप का निपटान करके उत्तर रेलवे भारतीय रेलवे के सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों के बीच स्क्रैप बिक्री में नंबर 1 पर है, जो दिसंबर के अंत तक 371 करोड़ रुपये के आनुपातिक लक्ष्य से पहले ही अधिक है और यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में हासिल की गई बिक्री से 21.17% अधिक है। उत्तर रेलवे सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों के बीच स्क्रैप बिक्री में 400 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाला पहला रेलवे है। गौरतलब है कि उत्तर रेलवे जून-2024 के महीने में 100 करोड़ रुपये और अगस्त-2024 के महीने में 200 करोड़ रुपये की बिक्री हासिल करने वाला भी पहला क्षेत्रीय रेलवे था।
स्क्रैप निपटान एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। स्क्रैप से राजस्व उत्पन्न करने के अलावा, यह कार्यस्थल को साफ-सुथरा बनाए रखने में भी मदद करता है। रेलवे लाइनों के आस-पास रेल के टुकड़े, स्लीपर, टाई बार आदि जैसे स्क्रैप की उपलब्धता सुरक्षा के लिए संभावित खतरा है।
उत्तर रेलवे ने स्टाफ क्वार्टर, केबिन, शेड, पानी की टंकियों आदि जैसे परित्यक्त ढांचों के निपटान का कार्य मिशन मोड में लिया है , इससे न केवल राजस्व अर्जित करने में मदद मिली, बल्कि बेहतर उपयोग के लिए मूल्यवान स्थान उपलब्ध हुआ । इनका त्वरित निपटान हमेशा से प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है और इसकी उच्चतम स्तर पर निगरानी की जाती है। उत्तर रेलवे पर बड़ी मात्रा में जमा हुए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का भी निपटान किया जा रहा है, ताकि राजस्व अर्जित करने के अलावा रेलवे गतिविधियों के लिए मूल्यवान क्षेत्र को मुक्त किया जा सके।
उत्तर रेलवे ‘शून्य स्क्रैप’ का दर्जा प्राप्त करने और इस वित्तीय वर्ष में स्क्रैप बिक्री का सर्वकालिक उच्चतम रिकॉर्ड बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ पर सिस्टम को स्क्रैप से मुक्त करने के लिए तैयार है।