बीएचयू परिसर में नो हॉर्न जोन का बोर्ड लगाया जाएगा, और मनमानी करने पर जुर्माना लगाया जाएगा

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बीएचयू परिसर में नो हॉर्न जोन का बोर्ड लगेगा। ध्वनि प्रदूषण कम करने को लेकर सहमति बनी है। इस बात पर भी सहमति बनी कि विश्वविद्यालय में अस्पताल और ट्रामा सेंटर के पास भी साइलेंस जोन के बोर्ड लगाए जाएंगे।

इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की प्रशासनिक समिति ने स्वीकार किया है। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण को कम करना है ताकि विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को शांति और स्वस्थ वातावरण मिल सके। इस समझौते के अनुसार, साइलेंस जोन के बोर्ड लगाने का कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाएगा।

साइलेंस जोन के बोर्ड लगाने के साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उद्यानों और प्राकृतिक स्थलों में भी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, छात्रों और कर्मचारियों को ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से ध्वनि प्रदूषण कम करने की अपील की गई। 

सत्या फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में चेतन उपाध्याय ने ध्वनि प्रदूषण कम करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सहमति बनी कि विश्वविद्यालय में अस्पताल और ट्राॅमा सेंटर के पास भी साइलेंस जोन के बोर्ड लगाए जाएंगे। 

साथ ही इस पर भी सहमति बनी कि विश्वविद्यालय की बाहरी दीवार से सटे सभी द्वारों पर भी कानून की जानकारी के उद्देश्य से डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। इसमें विशेषकर विश्वविद्यालय के साइलेंस जोन में आने, 100 मीटर के दायरे में किसी भी किस्म का ध्वनि प्रदूषण न करने की अपील की जाएगी।

चीफ प्रॉक्टर ने यह भी बताया कि डिस्प्ले बोर्ड में इस बात का भी जिक्र रहेगा कि मानक का पालन न करने वालों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत एक लाख रुपये तक जुर्माना या पांच साल तक की कैद या एक साथ दोनों सजा हो सकती है।

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