फरीदाबाद। ऊर्जा के सतत विकास को बढ़ावा देने और सभी के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करने के प्रयासों की दिशा में आगे बढ़ते हुए, एनएचपीसी लिमिटेड (भारत सरकार का एक नवरत्न उद्यम) और उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने 20.12.2024 को पटना में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 (ग्लोबल इन्वेस्टर समिट) के दौरान ‘इन्टेन्ट फॉर इनवेस्टमेंट’ हेतु समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। विजय कुमार सिन्हा, माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार; बिजेंद्र प्रसाद यादव, मंत्री, ऊर्जा और योजना एवं विकास विभाग, बिहार सरकार; नीतीश मिश्रा, मंत्री उद्योग और पर्यटन विभाग, बिहार सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में आर. के. चौधरी, सीएमडी, एनएचपीसी और श्रीमती बंदना प्रेयसी, आईएएस, सचिव, उद्योग विभाग, बिहार सरकार के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
एनएचपीसी ने इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से बिहार में 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन (जीएच 2) मोबिलिटी पायलट परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 5500 करोड़ रुपए के निवेश की इच्छा व्यक्त की है। इन परिवर्तनकारी परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाना और भारत में एनर्जी ट्रांजिशन के प्रयासों में अपना योगदान देना है।
स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के अतिरिक्त इस पहल से लगभग 800 लोगों के लिए रोजगार का सृजन, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा और स्थानीय समुदायों का सशक्त बनना अपेक्षित है। यह सहयोग बिहार के नवीकरणीय ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी का केंद्र बनने के दृष्टिकोण को रेखांकित करने के साथ ही एनएचपीसी की संधारणीयता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एनएचपीसी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत कंपनी और भारत सरकार का एक नवरत्न उद्यम है। यह जलविद्युत परियोजनाओं की संकल्पना से लेकर संचालन करने की क्षमता रखती है। एनएचपीसी ने सौर एवं पवन ऊर्जा विकास आदि के क्षेत्र में भी कार्य विस्तार किया है। संयुक्त उद्यम के माध्यम से 1681.70 मेगावाट सहित एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 7232.90 मेगावाट है, जिसमें 22 जलविद्युत पावर स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, पांच सौर ऊर्जा परियोजनाओं से 211.70 मेगावाट और एक पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल है।