उ0प्र0 में पहली बार ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम आयोजित, नीदरलैण्ड भागीदार

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लखनऊ :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में तकनीक के आदान-प्रदान, कृषि व उद्यमिता को जोड़ने, फसलों के विविधीकरण और किसानों की आमदनी को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उत्तर प्रदेश ने कृषि, वानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन व डेयरी सेक्टर में अपने उत्पादन को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है। लेकिन इनमें अभी भी अनेक सम्भावनाएं विद्यमान हैं। कृषि में तकनीक का इस्तेमाल करके हम वर्तमान उत्पादन को तीन से चार गुना अधिक बढ़ा सकते हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां ‘कृषि भारत’ के शुभारम्भ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 04 दिवसीय ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष नीदरलैण्ड की राजदूत सुश्री मारिसा गेरार्ड व प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान किया। मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश माइक्रो इरिगेशन प्रोग्राम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्राप्त आई0एस0ओ0 सर्टिफिकेट भेंट किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय उद्योग परिसंघ (सी0आई0आई0) प्रदेश सरकार के साथ मिलकर कृषि क्षेत्र में डिजिटल कृषि और टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करते हुए किसानों की आमदनी को बढ़ाने के दृष्टिगत ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। सी0आई0आई0 एग्रोटेक इण्डिया वर्ष 2000 से ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। यह आयोजन पहली बार चण्डीगढ़ से हटकर उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहा है। इस दृष्टि से यह कार्यक्रम काफी मायने रखता है। चार दिवसीय ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम में नीदरलैण्ड भागीदार देश है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्पेन, युगांडा, यू0के0 आदि देश इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र से जुड़े विषय-विशेषज्ञ व स्टेक होल्डर्स ‘कृषि भारत’ कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि भारत कार्यक्रम देश के अलग-अलग एग्रो क्लाइमेटिक जोन के अन्नदाता किसानों व लोगों को एक-दूसरे से अपने अनुभव, तकनीक को साझा करने व कुछ नया सीखने का मंच प्रदान करता है। इस दिशा में नीदरलैण्ड की राजदूत सुश्री मारिसा गेरार्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर अच्छा कार्य किया है। आज उत्तर प्रदेश व नीदरलैण्ड के मध्य एक एम0ओ0यू0 यहां पर हुआ है। इसी प्रकार से यहां पर जी0टू0जी0 के साथ-साथ बी0टू0बी0 के भी कुछ एम0ओ0यू0 सम्पन्न हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ जनसंख्या निवास करती है, जो देश की कुल आबादी का 17 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश में देश की 11 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है। प्रदेश में प्रचुर जल संसाधन की उपलब्धता है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश देश का 20 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन करता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में अनेक प्रयास प्रारम्भ किए हैं। उत्तर प्रदेश में 06 कृषि विश्वविद्यालय केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से संचालित हैं। राज्य में 89 कृषि विज्ञान केंद्र सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। आने वाले समय में कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या और भी बढ़ेगी। प्रदेश में विभिन्न सेक्टर्स के सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस अच्छे ढंग से कार्य कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि कार्य में तकनीक के उपयोग के सम्बन्ध में हमें जागरूक करना होगा। कृषि को उद्यमिता से जोड़ने की अनेक सम्भावनाएं हैं। विगत 10 वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में कृषि और किसानों के हित के लिए स्वॉयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं। सिंचाई कार्य में तकनीक का उपयोग प्रभावी कदम है। देश में 12 करोड़ किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं, जिससे किसान साहूकारों के चंगुल से मुक्त हुए हैं तथा स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में नेचुरल फार्मिंग का कार्यक्रम शुरु किया गया है। कृषि क्षेत्र में हमारे समक्ष कृषि लागत को कम करने तथा फर्टीलाइजर व पेस्टीसाइड मुक्त कृषि जैसी चुनौतियां विद्यमान हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हमें तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कार्य करने होंगे।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने नीदरलैण्ड के उप कृषि मंत्री जॉन कीस गोएट व उनके प्रतिनिधियों के साथ नीदरलैण्ड पवेलियन में बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने नीदरलैण्ड के उप कृषि मंत्री, नीदरलैण्ड की राजदूत व अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं व्याप्त हैं। उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को डिजिटल एग्रीकल्चर व तकनीक से जोड़ा जाए। नीदरलैण्ड व उत्तर प्रदेश शासन के एम0ओ0यू0 के आगे बढ़ने से हम अपने अनुभवों को साझा कर पाएंगे जिसका लाभ उत्तर प्रदेश व नीदरलैण्ड दोनों को प्राप्त होगा।
नीदरलैण्ड के उप कृषि मंत्री जॉन कीस गोएट, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, भारतीय उद्योग परिसंघ के चेयरमैन तरुण स्वाहने, आई0टी0सी0 के चेयरमैन संजीव पुरी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस0 गर्ग तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, कृषकों सहित कृषि क्षेत्र से जुड़े अन्य स्टेकहोल्डर्स उपस्थित थे।

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