सोनभद्र। वेतन समझौता को लेकर अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीना के अध्यक्ष अरुण दुबे ने बताया कि लगातार कोल प्रभारी के लक्ष्मा रेड्डी, भारतीय मजदूर संघ के उप महामंत्री सह जेबीसीसीई सदस्य सुरेन्द्र पाण्डे, महामंत्री सह जेबीसीसीआइ सदस्य सुधीर घुरडे के अथक प्रयास से कोयला कामगारों का 11वां वेतन समझौता सम्पन्न हुआ। कई मामलों में यह एक सम्मानजनक व ऐतिहासिक समझौता साबित हुआ । जिसे सम्पन्न कराने में भारतीय मजदूर संघ की अहम भूमिका रही है। कोल प्रभारी वेतन समझौता कराने के लिए कोल प्रबंधन तथा भारत सरकार के कोयला मंत्री तक कोयला कामगारों की बातों को प्रमुखता से रखते हुए ऐतिहासिक समझौता सम्पन्न कराने में भारतीय मजदूर संघ सफल रही है।
दुबे ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ प्रारंभ से ही बोल रहा कि डीपीई जैसा कोई मुद्दा किसी भी तरह कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौता में बाधा नहीं बनने पायेगा । वह प्रबंधन का विषय है न कि ट्रेड यूनियन का । परंतु कुछ तथाकथित ट्रेड यूनियन के लोग डीपीई मुद्दे को वेवजह हवा देकर हमारे कोल कर्मियों को यह गुमराह कर रहे थे कि बगैर डीपीई से छूट मीले वेतन समझौता नहीं हो सकता है । अंततोगत्वा बिना किसी बाधा के वेतन समझौता पर हस्ताक्षर ही नहीं हुआ अपितु कई नई चीजें भी इस समझौते में जोड़ी गयी ।