एनसीएल ने किया सोनभद्र प्रशासन के साथ रु 95.00 लाख का अनुबंध

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सोनभद्र, सिंगरौली/ भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) आस पास के क्षेत्र में सामाजिक निगमित दायित्व के तहत सतत सामुदायिक विकास की दिशा में स्वास्थ्य, शिक्षा,कौशल विकास, पोषण, आधारभूत ढांचे के विकास जैसे अनेक क्षेत्रों में सार्थक कार्य कर रही है जिससे स्थानीय नागरिकों का सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक विकास सुनिश्चित हो रहा है |
इसी क्रम में कंपनी के दूधीचुआ क्षेत्र ने समाज के गरीब, आदिवासी व पिछड़े तबके के लोगों के उत्थान की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास करते हुए सोनभद्र प्रशासन के साथ रु 95.00 लाख का अनुबंध हस्ताक्षरित किया है ।  
निगमित सामाजिक दायित्व के तहत सम्पन्न हुए इस अनुबंध पर एनसीएल की ओर से महाप्रबंधक, दूधीचुआ क्षेत्र   अनुराग कुमार तथा उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र सोनभद्र राजधारी गौतम ने हस्ताक्षर किए |  अनुबंध के अनुसार दूधिचुआ क्षेत्र द्वारा जिला प्रशासन को यह धनराशि दो किश्तों में उपलब्ध कराई जाएगी |
इस एमओयू के तहत सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक के चपकी गाँव  में संचालित “सेवाकुंज आश्रम” में पढ़ने वाले 1000 छात्रों के लिए कंप्यूटर लैब, सोलर किचेन, सेंट्रल साउंड सिस्टम,सीसीटीवी, वाईफाई, टीवी सेट इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी | 
इसके साथ ही यहाँ पर एनसीएल द्वारा नवनिर्मित छात्रावास में विद्यार्थियों के सुविधापूर्वक रहने के लिए पर्याप्त फर्नीचर, गद्दे, चादर, वाटर कूलर, बर्तन इत्यादि की व्यवस्था भी की जाएगी | 

एनसीएल के दूधीचुआ क्षेत्र ने ही 506.29 लाख की लागत से चपकी स्थित सेवाकुंज आश्रम में आदिवासी बच्चों की आवासीय शिक्षा के लिए 24 कमरों के छात्रावास, कार्यालय इत्यादि का निर्माण भी करवाया है | छात्रावास के साथ ही यहाँ पर लगभग 205 लाख में एक हज़ार  बच्चों के लिए रसोई घर एवं डाइनिंग हाल का निर्माण कार्य भी चल रहा है |

इस छात्रावास के कारण  दूरस्थ क्षेत्रों मे रहने वाले बच्चों के लिए बेहतर आवासीय शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी |
गौरतलब है कि एनसीएल आस पास के क्षेत्र में आधुनिक व निर्बाध शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु शिक्षा संबंधी आधारभूत ढांचे के विकास , स्मार्ट क्लास की व्यवस्था, पुस्तकालय की स्थापना, विद्यालय-सह-छात्रावास का निर्माण, प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना, दिव्यांगजनों के लिए आवासीय शिक्षा, ग्रामीण बच्चों के लिए आँगनवाणियों का निर्माण जैसे अनेक प्रयास कर रही है |

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