एनसीएल ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त ब्लास्टिंग पर आयोजित की कार्यशाला

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सोनभद्र/सिंगरौली। भारत सरकार की मिनीरत्न कम्पनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) में सीईटीआई स्थित एमडीआई भवन में गुरुवार को ब्लास्टिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित एचओई पैच में ब्लास्टिंग प्रदर्शन में सुधार था ।

कार्यशाला में सीएमडी एनसीएल श्री भोला सिंह बतौर मुख्य अतिथि, निदेशक (तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा एवं निदेशक(वित्त) रजनीश नारायण बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए । कार्यशाला में एनसीएल के विभिन्न कोयला क्षेत्रों के महाप्रबंधक, मुख्यालय के विभागाध्यक्ष, परियोजना अधिकारी,  ब्लास्टिंग मेनेजर, आउटसोर्सिंग कंपनीयों के प्रतिनिधि, एवं 100 से अधिक अधिकारी व कर्मचारीयों ने भाग लिया ।

कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सीएमडी एनसीएल भोला सिंह ने उत्पादन की प्रक्रिया में सुरक्षित ब्लास्टिंग के महत्व पर विस्तृत वक्तव्य दिया। उन्होने ब्लास्टिंग से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलूओं को बड़ी सरलता से कार्यशाला में बताया। सीएमडी ने कार्यशाला में कहा कि सभी लोग ब्लास्टिंग में सही तकनीकी मानकों का पालन करें और इस प्रक्रिया में छोटे सुधार एवं बदलाव लाकर उनके प्रभाव का अध्ययन भी करें । उन्होने कहा कि अलग-अलग विषयों में एनसीएल वैज्ञानिक अध्ययन हेतु देश के शीर्ष तकनीकी संस्थानों कि मदद ले रहा है और जरूरत पड़ने पर ब्लास्टिंग में भी हम यह कर सकते है। ब्लास्टिंग उत्पादन प्रक्रिया का अहम भाग है जिसका असर कंपनी की उत्पादकता, उत्पादन लागत व आने वाले समय में कंपनी की सेहत पर पड़ता है । यह हर्ष का विषय है कि हमारी कंपनी ने एचओई पैच में ब्लास्टिंग व ड्रिलिंग पद्धति में जो बदलाव किए उसके सुखद परिणाम मिल रहे हैं।

इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा ने कहा कि कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों की भरपूर भागीदारी रही । इससे हमारे कार्यस्थल पर खनन कार्यों में लगे हुए कर्मियों में ब्लास्टिंग की दक्षता बढ़ेगी । साथ ही उच्च ब्लास्टिंग गुणवत्ता से कंपनी अपने निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति तय समय में कर सकती है । एचओई पैच  में किए गए ब्लास्टिंग सुधार से कंपनी के उत्पादन व उत्पादकता दोनों में ही सुधार देखने को मिला है । इस अवसर पर उन्होने परियोजनाओं की सर्वश्रेष्ट पद्धतियों को एक दूसरे से साझा करने व अपनाने को कहा ।  

निदेशक(वित्त) रजनीश नारायण ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।  साथ ही कहा कि सही ब्लास्टिंग होने से मशीनों का प्रदर्शन व तथा सुरक्षित खनन दोनो को ही बढ़ावा मिलता है व कुल उत्पादन में लगने वाली लागत में भी कमी आती है ।

कार्यशाला में एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं के ब्लास्टिंग अधिकारियों ने अपने विचार रखे ।  साथ ही कार्यशाला में निदेशकमंडल ने कार्यस्थल पर कार्य करने वालों कर्मियों से भी चर्चा की व खनन प्रक्रिया में  ब्लास्टिंग में बदलाव पर उनकी राय जानी। इस दौरान दौरान कर्मियों ने ब्लास्टिंग संबंधी बेहतर प्रथाओं और इसमें आने वाली कठिनाइयों को भी सबसे साझा किया । एचओई प्रतिनिधियों ने भी कार्यशाला में उत्पादन व उनके क्षेत्र में ब्लास्टिंग में किए जा रहे बदलावों पर अपना अनुभव बताया ।

कार्यशाला  में एनसीएल के महाप्रबंधक(उत्पादन) एल पी गोडसे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, साथ ही कार्यशाला के उद्देस्य पर प्रकाश डाला । उन्होने ब्लास्टिंग से संबन्धित विभिन्न पैमानो को सबके सामने रखा । गौरतलब है कि ब्लास्टिंग कोयला खनन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसका उत्पादन, लागत, पर्यावरण  और भारी मशीनों के प्रदर्शन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

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