सोनभद्र / सिंगरौली स्थित देश की अग्रणी कोयला उत्पादक कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने आईआईटी (बीएचयू) के सहयोग से कोयला क्षेत्र में देश के पहले “क्लीन टेक इनोवेशन चैलेंज” की शुरूआत की है ।इस कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक (तकनीकी) कोल इंडिया लिमिटेड श्री. बी वीरा रेड्डी ने सीएमडी एनसीएल श्री भोला सिंह, निदेशक (वित्त और कार्मिक), एनसीएल श्री आर एन दुबे और आईआईटी (बीएचयू) से प्रोफेसर श्री रजनीश त्यागी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की ।क्लीन टेक इनोवेशन चैलेंज 2022 देश भर के छात्रों, वैज्ञानिकों , स्टार्टअप्स तथा संस्थानों इत्यादि को खनन उद्योग की विभिन्न समस्याओं के लिए नवाचारी उत्पाद व समाधान देने के लिए मंच प्रदान करने की अपने आप में पहली राष्ट्रव्यापी पहल है | यह पहल स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचारों में तेजी लाने तथा खनन संबंधी समस्याओं के दीर्घकालीन समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।
इस “क्लीन टेक इनोवेशन चैलेंज” (सीटीआईसी) में कोल इंडिया व इसकी अनुषंगी कंपनियों तथा आईआईटी, बीएचयू के अलावा आईआईटी मंडी , नैसकॉम, बैंगलोर, डेब्री फाउंडेशन, बैंगलोर, एआईसी बीएएमयू फाउंडेशन, औरंगाबाद, टाइड्स बिजनेस इनक्यूबेटर, आईआईटी रुड़की, आईएसएम, धनबाद, आईआईआईटी इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर, दिल्ली , एफ़आईआईआरई, गोवा, आईआईएससी, बैंगलोर, देशपांडे स्टार्टअप, हुबली, कर्नाटक, एपिक फाउंडेशन, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम), उत्तर पूर्व कृषि प्रौद्योगिकी उद्यमी हब, असम जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भाग ले रहे हैं |
इस वर्चुअल चैलेंज के माध्यम से जिन नवाचारी उत्पादों व समाधानों को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है उसमें खदान में भारी मशीनों की टक्कर को रोकने के लिए स्वचालित प्रणाली, खुली खदान में कुशल यातायात प्रणाली, मशीनों के रखरखाव पर निगरानी से संबन्धित प्रणाली ,सुरक्षित संचालन प्रक्रिया, ड्रैग लाइन एप्लीकेशन, खदानों में गर्मियों के दौरान पानी के समुचित उपयोग, अधिभार के सही उपयोग, ड्रैगलाइन व अन्य खनन संबंधी बुनियादी ढांचे की संरचना के निरीक्षण के लिए केज ड्रोन/ड्रोन बॉल का विकास, सीएचपी के लिए इंटेलिजेंट फायर/हीट डिटेक्शन एंड मॉनिटरिंग सिस्टम, खदान सुरक्षा के लिए ड्रोन, सीड बॉल मशीन, स्मार्ट संप प्रबंधन प्रणाली, एकीकृत ग्रामीण अर्थव्यवस्था, समग्र कौशल विकास मॉडल, कृषि-अपशिष्ट, फ्लाई ऐश और अधिभार आधारित उत्पाद इत्यादि प्रमुख हैं |
गौरतलब है कि इस “क्लीन टेक इनोवेशन चैलेंज” के माध्यम से छात्रों की रचनात्मकता व अनुसंधान की क्षमता बढ़ेगी, संस्थानों में बेहतर, नवाचारी व किफ़ायती उत्पादों व समाधानों को बनाने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, देश भर में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही इस क्षेत्र में पहले से काम कर रहे व्यक्तियों और उद्यमों को निवेश के बेहतर अवसर मिल सकेंगे ।
इसमें भाग लेने के लिए दिनांक 31 मार्च, 2022 से पंजीकरण प्रारम्भ हो चुका है जो 20 अप्रैल, 2022 तक चलेगा | इस पहल के बारे में अधिक जानकारी www.ctic.in पर प्राप्त की जा सकती है |