सोनभद्र/ सिंगरौली नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा ने शनिवार को आयोजित सिंगरौली इन्वेस्ट मीट में निवेशकों को कोल सेक्टर से जुड़ी संभावनाओं का एक विस्तृत खाका प्रस्तुत किया।एनसीएल सिंगरौली परिक्षेत्र से 122 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन व 360 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक अधिभार हटाता है। श्री सिन्हा ने बताया कि इतनी भारी मात्रा में कोयला निकालने व अधिभार हटाने के लिए एनसीएल भारी मात्रा में मशीनों एवं श्रमशक्ति के साथ 600 से अधिक वेंडर, 10 हजार करोड़ से अधिक के कॉन्ट्रैक्ट के साथ 30 हजार कर्मियों का नियोजन करता है । श्री सिन्हा ने अपने संबोधन में एनसीएल से जुड़े विभिन्न उद्योगों में निवेश की संभावनाओं को विस्तार से बताया। सिन्हा ने एनसीएल की नवाचारी व सतत खनन की पहल जैसे अधिभार से रेत निर्माण, सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, ईको टूरिज्म आदि से जुड़ी योजनाओं को भी बताया। सिन्हा ने एनसीएल द्वारा सीएसआर के अंतर्गत सिंगरौली क्षेत्र में की जा रही गतिविधियों का ब्योरा रखा l उन्होंने एनसीएल की सिंगरौली क्षेत्र के विकास की प्रतिबद्धता को दोहराया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। एनसीएल सिंगरौली क्षेत्र का सबसे बड़ा उद्यम है और यहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिंगरौलो इन्वेस्टर्स मीट का मुख्य उद्देश्य निवेशकों, उद्योगपतियों/उद्यमियों और अन्य सरकारी/सार्वजनिक/निजी एजेंसियों को एक साझा मंच प्रदान कर सिंगरौली को एक समृद्ध व्यापार केंद्र के रूप में स्थापित करना है जिससे यहाँ का सामाजिक व आर्थिक उत्थान सुनिश्चित होगा तथा “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” के तहत भारत सरकार के प्रयासों को भी बल मिलेगा|सिंगरौली क्षेत्र, देश की ऊर्जा राजधानी के नाम से भी जाना जाता है जो प्रदेश व देश की ऊर्जा सुरक्षा में अहम भूमिका अदा करता है।