इंडियन रेलवे (आईआर रेक) के माध्यम से भी प्रेषित किया अधिकतम कोयला
सोनभद्र।,कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) ने कोयला प्रेषण में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए अपनी स्थापना से लेकर अबतक का सबसे अधिक कोयला प्रेषण किया है। गत दिवस एनसीएल ने 4.42 लाख टन कोयला प्रेषण किया जो कंपनी के इतिहास में एक दिन में अभी तक अधिकतम है |
एनसीएल को वित्त वर्ष 2023-24 में 135 मिलियन टन कोयला उत्पादन व प्रेषण के लक्ष्य दिये गए हैं। एनसीएल ने 21 अगस्त तक 6.67 % वार्षिक वृद्धि के साथ 53.64 मिलियन टन कोयला उत्पादन व 2.52 % की वार्षिक वृद्धि के साथ 53.27 मिलियन टन कोयला प्रेषण कर लिया है । देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप एनसीएल बिजली घरों को भी भरपूर कोयला उपलब्ध करा रही है | चालू वित्त वर्ष में अभी तक बिजली घरों को भी 48.23 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया है जो कुल प्रेषण में 91 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है।
एनसीएल ने प्रेषण में एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया है एनसीएल ने सोमवार को रेल मार्ग से 51 कोयला रेक लोड कर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली और अन्य राज्यों के ग्राहकों को भेजे हैं जो कि कंपनी के इतिहास में अधिकतम हैं, इन रेक के माध्यम से 2 लाख टन कोयला विभिन्न ग्राहकों को भेजा गया है। जबकि समीप के बिजली घरों (पिट हेड पावर प्लांट्स) को एमजीआर के माध्यम से विभिन्न एनसीएल की परियोजनओं द्वारा 70 कोयला रेक लोड कर भेजी गईं । मैरी-गो-राउंड (एमजीआर) के माध्यम से एनसीएल एक समर्पित रेलवे ट्रैक का उपयोग कर समीप के बिजली घरों में कोयला प्रेषित करती है। इस प्रकार सोमवार को एनसीएल ने पर्यावरण अनूकूल एमजीआर व आईआर माध्यमों से कुल 121 रेक कोयला प्रेषित किया है ।
कंपनी की इस उपलब्धि के लिए एनसीएल के सीएमडी भोला सिंह व निदेशकमंडल ने टीम एनसीएल को बधाई दी है व उम्मीद जताई है कि सभी क्षेत्र आने वाले दिनों में सुरक्षा, उत्पादकता व सतत खनन की दिशा में आगे बढ़ते हुए कंपनी नए रिकॉर्ड स्थापित करेगी व इस प्रदर्शन को जारी रखेगी।इसके साथ ही अधिभार हटाव में भी एनसीएल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 450 मिलियन क्यूबिक मीटर के वार्षिक लक्ष्य का पीछा करते हुए लगभग 18.43 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 197.25 मिलियन क्यूबिक मीटर अधिभार हटाया लिया है। गौरतलब है कि एनसीएल को चालू वित्त वर्ष में 135 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं कोयला प्रेषण के लक्ष्य दिए गए हैं।