नामांतरण में गड़बड़ी और अवैध वसूली का खेल, अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
चन्दौली । नौगढ़ तहसील में भ्रष्टाचार का एक और गंदा खेल उजागर हुआ है। तहसीलदार के पेशकार अमीन संतोष श्रीवास्तव पर आरोप है कि वह नामांतरण के मामलों में जानबूझकर त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट लगा रहे हैं। इस घिनौने खेल में पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मी कांता चौहान और सुभाष यादव भी शामिल बताए जा रहे हैं। इन पर आरोप है कि ये लोग गांव-गांव जाकर गरीबों से त्रुटि सुधार के नाम पर अवैध वसूली कर रहे हैं।
बार एसोसिएशन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। अध्यक्ष सत्यानंद तिवारी के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को आयोजित एक आपात बैठक में प्रस्ताव पारित कर तहसील गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। अधिवक्ताओं ने भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तहसीलदार प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।
“*जब तक तबादला नहीं, तब तक काम नहीं”*
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यानंद तिवारी ने स्पष्ट ऐलान किया कि जब तक इन कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं होता और उन्हें उनके मूल विभाग में वापस नहीं भेजा जाता, तब तक अधिवक्ता न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे। अधिवक्ताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के चलते गरीबों को न केवल आर्थिक शोषण झेलना पड़ रहा है, बल्कि न्याय मिलने की प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। बार एसोसिएशन के महामंत्री रणविजय सिंह ने कहा कि “ये वसूली का खेल न्याय के मंदिर में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज होगा। अधिवक्ताओं ने निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है या भ्रष्टाचार की यह कड़ी यूं ही जारी रहती है।