विलासपुर।खान सुरक्षा को लेकर किए गए एसईसीएल के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। एसईसीएल के चिरमिरी क्षेत्र में स्थित एनसीपीएच कोलियरी आर-6 खदान को “दीर्घतम दुर्घटना मुक्त अवधि” श्रेणी में उपविजेता घोषित किया गया है। कठिन खनन स्थितियों वाली भूमिगत खदानों को दिए गए इस पुरस्कार में देश भर में दूसरा स्थान हासिल कर इस खदान ने एसईसीएल को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है।
इस अवसर पर एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कहा, “एसईसीएल में ‘सुरक्षा से समृद्धि’ हमारा मार्गदर्शक सूत्र रहा है यानि बिना सुरक्षा समृद्धि संभव नहीं है। एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र की एनसीपीएच कोलियरी आर-6 खदान को मिला यह पुरस्कार सुरक्षा को लेकर हमारी कार्यसंस्कृति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सुरक्षित खनन के प्रयासों को सफल बनाने के लिए चिरिमिरी क्षेत्र के हमारे अधिकारी एवं कामगार साथियों को बहुत बहुत बधाई देता हूँ।“वर्ष 1942 में शुरू की गई एनसीपीएच कोलियरी खदान 1010 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है और यहाँ 1.20 मिलियन टन प्रति वर्ष खनन की पर्यावरण स्वीकृति है। खदान से उच्च गुणवत्ता वाला जी-8 ग्रेड कोयला निकाला जाता है। जनवरी 2023 की स्थिति के अनुसार यहाँ 3.8 मिलियन टन कोयले का रिजर्व मौजूद है। खदान में लगभग 630 कामगार कोयला निकालने का काम करते हैं।
हाल ही में खान सुरक्षा महानिदेशालय (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय) द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) – 2021 के विभिन्न श्रेणियों के विजेता एवं उपविजेता की सूची जारी की गई है। खान अधिनियम 1952 के अंतर्गत खानों में बेहतर सुरक्षा को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार (खान) की शुरुआत 1983 में की थी। हर वर्ष खनन श्रमिकों की सुरक्षा के हित में कोयला, धातु एवं तेल खानों के लिए दो श्रेणियों में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया जाता है। विदित हो कि पर्यावरण हितैषी अत्याधुनिक खनन तकनीक की मदद से एसईसीएल द्वारा खान सुरक्षा को लेकर कई प्रयास किए गए हैं। सरफेस माइनर एवं वर्टिकल रिपर की मदद से बिना विस्फोट किए कोयला खनन एवं ओबी कटिंग संभव हुई है। वहीं उच्च क्षमता वाले मोबाइल वॉटर स्प्रिंक्लर्स की मदद से खनन क्षेत्र में उड़ने वाली धूल के प्रभाव को कम किया जाता है। भूमिगत खदानों में मैन राइडिंग सिस्टम की मदद से खनन और आवाजाही को आसान बनाने में मदद मिली है।
इसके साथ ही एसईसीएल की सभी खदानों में जोखिम मूल्यांकन आधारित सुरक्षा प्रबंधन योजना को लागू किया गया है। सुरक्षा से जुड़े दिशा-निर्देशों को हिन्दी एवं स्थानीय भाषा में समझाना, वर्कमेन इंस्पेक्टर द्वारा लगातार खान निरीक्षण, शिफ्ट की शुरुआत से पहले सुरक्षा शपथ, एसईसीएल की सभी खदानों का इंटर एरिया सेफ्टी ऑडिट आदि जैसे कदम भी उठाए गए हैं।