सोनभद्र। साढ़े छह वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी नागेश्वर को सात वर्ष की कैद एवं 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 20 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने पांच मई 2017 को शाहगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 25 अप्रैल 2017 को साढ़े चार बजे भोर में उसकी नाबालिक बेटी नित्य क्रिया के लिए निकली थी, जो वापस नहीं लौटी। उसकी हर संभावित जगहों पर तलाश की गई, लेकिन कहीं पता नहीं चला। बाद में पता चला कि जबसे बेटी गायब है तभी से नागेश्वर पुत्र रामा निवासी दुगौलिया, थाना शाहगंज, जिला सोनभद्र भी गायब है। जिससे पूर्ण विश्वास है कि उसकी नाबालिक बेटी को नागेश्वर ही बहला फुसलाकर भगा ले गया है। आवश्यक कार्रवाई की मांग की थी। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी नागेश्वर को सात वर्ष की कैद एवं 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 20 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।