सोनभद्र : छेड़खानी में दोषी मुबारक अली को 7 वर्ष की कठोर कैद 

Spread the love

20 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी ,– जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी,– अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी–  साढ़े छह वर्ष पूर्व बकरी चराने गई 10 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की के साथ जंगल में छेड़खानी किए जाने का मामला

सोनभद्र। साढ़े छह वर्ष पूर्व बकरी चराने गई 10 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की के साथ जंगल में छेड़खानी किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पास्को एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी मुबारक अली  को 7 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति पीड़िता के पिता ने विंढमगंज थाने में 26 अक्तूबर 2017 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 10 वर्षीय दलित नाबालिग बेटी जो कक्षा 5 की छात्रा है। 11 अक्तूबर 2017 को दोपहर 12 बजे जंगल में बकरी चरा रही थी। तभी वहां अकेली पाकर मुबारक अली पुत्र गुलाम रसूल निवासी निमियाडीह ,थाना दुद्धी, जिला सोनभद्र पहुंच गया और बेटी को जबरन उठाकर झाड़ी में ले गया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। बेटी चिल्लाने लगी तो मुबारक अली ने कहा कि 200 रुपये ले लो और चुप हो जाओ नहीं तो गला दबाकर मार डालेंगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर कई लोग पहुंच गए तब बेटी की इज्जत बची। उधर मुबारक अली लड़की को छोड़कर भाग गया। इस तहरीर पर छेड़खानी, पास्को एक्ट और एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में मुबारक अली के विरुद्ध चार्जशीट विवेचक ने दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी मुबारक अली को 7 वर्ष की कठोर कैद एवं 20 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वही अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर ले सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

Leave a Reply

Your email address will not be published.