श्री काशी विश्वनाथ धाम में बंदरों का आतंक प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। उनके आतंक से श्रद्धालु परेशान हो गए हैं। पिछले 7 महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 560 से अधिक श्रद्धालुओं को बंदर काट चुके हैं। धाम के आरोग्य केंद्र में रोज दो से तीन श्रद्धालुओं को बंदर काटने के बाद ARV लगाई जा रही है।
रविवार को ओडिशा की प्रियदर्शनी और कानपुर की शिवांगी को बंदरों ने काट लिया। दोनों महिलाओं को आरोग्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद ARV वैक्सीन लगाई गई। प्रतिदिन किसी न किसी श्रद्धालु को बंदर काट रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने इस मामले में वन विभाग को पत्र भी लिखा लेकिन अभी तक बंदरों को पकड़ने के कोई इंतजाम नहीं हुआ।
ज्ञानवापी कूप और नंदी के आसपास जमा बंदरों का झुंड पहले तो प्रसाद छीनने का प्रयास करते है, श्रद्धालुओं के विरोध करने पर कई बार बंदर हमला भी कर देते हैं और काट भी लेते हैं। मंदिर के कर्मियों का कहना है कि नंदी की मूर्ति और ज्ञानवापी कूप के पास पेड़ है और वहीं पर बंदर इकट्ठा होते हैं और श्रद्धालुओं को अपना निशाना बनाते रहते हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि बंदरों के काटने और हमला करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस मामले में वन विभाग को पत्र लिखा गया है।
अधिकारी का कहना
आरोग्य मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में ARV का स्टॉक है। बंदर काटने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल प्राथमिक उपचार के साथ ही ARV लगा रही है। रोजाना दो से तीन लोगों को ARV लग रही है। – डॉ. संदीप चौधरी, सीएमओ