98 ग्राम पंचायत की महिलाओं को जागरुक करने का लक्ष्य,*सीता समाहित स्थल से संस्था “सामर्थ्य” का 50 हजार महिलाओं को जागरुक करने का संकल्प*,*मासिक धर्म में सफाई के जरिए बीमारियों से बचाव की जागरुकता के अभियान की हुई शुरुआत*
भदोही / मासिक धर्म में सफाई की कमी महिलाओं को बीमार बना सकती है। ऐसे में ये जरूरी है कि महिलाएं शर्म-झिझक तोड़कर आगे आएं। इस विषय में खुद जागरुक हों। समाज एवं दूसरी महिलाओं को भी जागरुक करें। भदोही जिले के डीघ ब्लॉक में जिलाधिकारी गौरांग राठी के इसी आह्वान के साथ सामाजिक संस्था ‘सामर्थ्य’ के ‘मासिक धर्म स्वच्छता जागरुकता’ अभियान की शुरुआत हुई।
सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में जिला प्रशासन के सहयोग से सामाजिक संस्था ‘सामर्थ्य’ के इस अभियान का शुभारंभ किया गया। अभियान का लक्ष्य डीघ ब्लॉक के 98 ग्राम पंचायत की महिलाओं को जागरुक करना है। जंगीगंज स्थित जेपी हॉस्पिटल इस अभियान में नॉलेज पार्टनर है। अभियान की शुरुआत करते हुए जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि आज भी ग्रामीण इलाकों में मासिक धर्म का जिक्र शर्म का विषय माना जाता है। कई बार सफाई की कमी बीमारियों की वजह बन जाती है। मासिक धर्म में सफाई का ध्यान रखकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है। स्वस्थ महिला ही सशक्त परिवार के निर्माण की नींव होती है। सशक्त परिवार से ही मजबूत समाज बनता है।
कार्यक्रम में उपस्थित भदोही के मुख्य विकास अधिकारी यशवंत सिंह ने कहा कि आज भी ग्रामीण इलाकों में सैनिटरी पैड महिलाओं की आवश्यक जरूरतों में नहीं शामिल होता। सामाजिक संस्था सामर्थ्य का अभियान महिलाओं को जागरुक करेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को सस्ते में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
अभियान के नॉलेज पार्टनर जेपी हॉस्पिटल की चिकित्सक डॉ.जया शुक्ला ने महिलाओं को विस्तार से मासिक धर्म में सफाई की कमी से होने वाली बीमारियों एवं इनसे बचाव के उपाय बताए। उन्होंने महिलाओं को “मासिक धर्म: शर्म नहीं सफाई जरूरी” का नारा याद रखने की सीख दी। जिलाधिकारी ने इस दौरान महिलाओं को निशुल्क सैनिटरी पैड का वितरण भी किया। करीब 500 महिलाओं को सैनिटरी पैड बांटे गए। भदोही जिला प्रशासन से सहयोग से ‘सामर्थ्य’ संस्था के अभियान को ‘नाइन फाउंडेशन’ का सहयोग मिल रहा है। कैंपेन का मकसद डीघ ब्लॉक के 98 ग्राम पंचायतों की महिलाओं को मासिक धर्म में बीमारियों से बचाव को लेकर जागरुक करना है। ‘सामर्थ्य’ संस्था की हर पखवाड़े डीघ ब्लॉक के एक ग्राम पंचायत में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है।
अभियान को लांच करने वाली संस्था ‘सामर्थ्य’ का कहना है कि ये अभियान शर्म के विरुद्ध एक आंदोलन है। ‘सामर्थ्य’ को 98 ग्राम पंचायतों तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा। एक ही जिले के किसी ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों को लक्ष्य में रखकर जागरुकता अभियान पहली बार शुरू किया गया है।
कार्यक्रम को सीता समाहित स्थल ‘सीतामढ़ी’ स्थित ‘नारे पार’ ग्राम पंचायत से लांच करने की खास वजह रही। जिलाधिकारी गौरांग राठी की अगुवाई में जिला प्रशासन ‘नारे पार’ ग्राम पंचायत को महिला सशक्तीकरण गांव के तौर पर विकसित कर रहा है। ऐसे में सीतामढ़ी से शुरू ये अभियान महिला सशक्तीकरण की दिशा में पूरे जिले में संदेश देने का काम करेगा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साह से भागीदारी की। खंड विकास अधिकारी धनराज कोटार्य,जेपी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रत्नेश पाण्डेय, बड़ागांव के समाजसेवी प्रधान रमेश मौर्य, दयावती पुंज मॉडल स्कूल प्रबंधन एवं नारे पार ग्राम प्रधान का कार्यक्रम की सफलता में उल्लेखनीय योगदान रहा।