एनटीपीसी ऊंचाहार में भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनी

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रायबरेली।एनटीपीसी ऊंचाहार में पर्व आयोजन समिति के सौजन्य से सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर्षोल्लास एवं धूमधाम से सम्पन्न हुई। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख मनदीप सिंह छाबड़ा ने भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनकी पूजा-अर्चना की। अलग-अलग विभागों द्वारा भी प्लांट के विभिन्न साईटों में यंत्रों व उपकरणों की भी पूजा की गई। महाप्रबंधक (प्रचालन) राजेश कुमार ने यजमान के रूप में भगवान विश्वकर्मा का वैदिक मंत्रों के बीच में पूजन-अर्चन किया। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर संविदा श्रमिकों का उत्साहवर्धन करने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले संविदा कर्मियों को संविदाकर्मी सराहना कार्यक्रम (CLAP) के तहत विश्वकर्मा पुरस्कार प्रदान किए गए।

पूजन के पश्चात श्री छाबड़ा ने प्लांट के प्रचालन और अनुरक्षण से जुड़े सभी एनटीपीसी कर्मचारियों तथा संविदा कर्मियों के खुशहाल व स्वस्थ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के शिल्पी एवं देवताओं के वास्तुकार माने गए हैं, जिस कारखाने में इनकी पूजा होती है उसकी उत्पादकता में ना केवल वृद्धि होती है बल्कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इस अवसर मेरी भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना है कि वह सभी कर्मियों को कार्य-दक्षता और उन्नति प्राप्त करने का आशीर्वाद प्रदान करें।

परियोजना के सभी कर्मचारियों, एजेंसियों व उनके संविदा कर्मियों के लिए भगवान विश्वकर्मा के प्रसाद के महा भंडारे का आयोजन किया गया। पूजन के दौरान महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) रवि प्रकाश अग्रवाल, अपर महाप्रबंधक (रसायन) रादेश कुमार, अपर महाप्रबंधक (ऑफसाईट) पंकज कुमार, उप महाप्रबंधक एस सी श्रीवास्तव, वरिष्ठ प्रबंधक के के सिंह व अन्य विभागों के विभागाध्यक्षों सहित यूनियन व एसोसिएशन के पदाधिकारियों और कर्मचारी गणों व संविदा कर्मियों ने पूजा में भाग लिया। संपूर्ण आयोजन को धरातल पर उतारने में पर्व आयोजन समिति के अध्यक्ष अनुराग गौराहा, उपाध्यक्ष सत्यवान गुप्ता व मुख्य सचिव चंद्रजीत सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख श्री छाबड़ा ने स्वच्छता ही सेवा के तहत उपस्थित जनसमूह को स्वच्छता शपथ दिलाई तथा अपील की कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ के कार्यक्रमों में सभी लोग अधिक-से-अधिक संख्या में भाग लें।

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